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पार्वती नदी खतरे के निशान से चार फीट ऊपर, सूंडी और सांड गांव टापू बने

जिले में भले ही बारिश नहीं हो रही हो, लेकिन मालवा और भोपाल क्षेत्र की बारिश से चंबल और पार्वती नदियों में बाढ़ से हालात पैदा हो गए हैं। सोमवार को जिले की सीमा में बह रही पार्वती नदी खतरे के निशान से 4 फीट ऊपर पहुंच गई, जबकि चंबल नदी भी रौद्र रूप में आ गई है।

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पार्वती नदी खतरे के निशान से चार फीट ऊपर, सूंडी और सांड गांव टापू बने

पार्वती नदी खतरे के निशान से चार फीट ऊपर, सूंडी और सांड गांव टापू बने

श्योपुर. जिले में भले ही बारिश नहीं हो रही हो, लेकिन मालवा और भोपाल क्षेत्र की बारिश से चंबल और पार्वती नदियों में बाढ़ से हालात पैदा हो गए हैं। सोमवार को जिले की सीमा में बह रही पार्वती नदी खतरे के निशान से 4 फीट ऊपर पहुंच गई, जबकि चंबल नदी भी रौद्र रूप में आ गई है। दोनों नदियों के बेकाबू होने से चंबल नदी का सांड और पार्वती नदी के बीच बसा सूंडी गांव टापू बन गए हैं। अभी और पानी आने और खतरा बढऩे की संभावनाओं के मद्देनजर प्रशासन ने ऐहतियातन एसडीआरएफ की दो टीमें भी बुला ली है।


पार्वती नदी यूं तो रविवार से ही उफान पर है, लेकिन रात में नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिसके चलते सोमवार की सुबह ये खतरे के निशान से भी ऊपर पहुंच गई। पार्वती का खतरे का निशान 198 मीटर पर है, लेकिन सोमवार को जलस्तर 4 फीट ऊपर होकर 199.30 मीटर तक पहुंच गया। जिससे खातौली पुल पर 20 फीट पानी हो गया, जबकि सूरथाग कुहांजापुर पुल 5 फीट डूबा हुआ है। यही वजह रही कि श्योपुर-कोटा और श्योपुर-बारां मार्ग लगातार दूसरे दिन भी बंद रहे। वहीं दूसरी ओर पार्वती नदी का पानी आने के साथ ही गांधीसागर और कोटा बैराज से लगातार डिस्चार्ज किए जा रहे पानी से सोमवार की सुबह चंबल नदी भी अपने रौद्र रूप में आ गई। हालांकि चंबल अपने खतरे के निशान 199.50 मीटर से दिन भर नीचे ही रही और शाम 5 बजे इसका जलस्तर 194.16 मीटर दर्ज किया गया, लेकिन बांधों से लगातार पानी डिस्चार्ज होने से एक ही रात में चंबल का जलस्तर 25 फीट तक बढ़ गया है।


जबलपुर-ग्वालियर से आई एसडीआरएफ की दो टीम
35 गांवों में प्रशासन ने सोमवार को अनाउंस कर संबंधित गांवों के निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है, लेकिन पार्वती नदी के बीच बसे सूंडी और चंबल के बीच बसे सांड गांव का संपर्क टूटने के बाद प्रशासन ने किनारों पर बोट के साथ रेस्क्यू टीमें भी तैनात कर दी है। इसके साथ ही ऐहतियात के तौर पर एसडीआरएफ की दो टीमें जबलपुर और ग्वालियर से आई हैं, जिनमें रबर बोट और अन्य उपकरणों के साथ 25 जवान आए हैं।


कलेक्टर-एसपी ने लिया का जायजा
चंबल और पार्वती नदियों की बाढ़ का जायजा लेने के लिए कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव और पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय भी प्रशासनिक अमले के साथ पहुंचे। दोनों अफसरों ने सामरसा, चंबल पुल, अडवाड़, जलालपुरा खातौली आदि गांवों में पहुंचकर धरातलीय स्थिति देखी और अधीनस्थ अफसरों से जानकारी ली। इस दौरान एसडीएम रूपेश उपाध्याय, होमगार्ड के कमांडेेंट कुलदीप मलिक, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन सुभाष गुप्ता, तहसीलदार राघवेन्द्र कुशवाह व अन्य लोग मौजूद रहे।


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