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अद्भुत शिवलिंग : अपनी धुरी पर चारों ओर 360 डिग्री घूमता है ये अनूठा शिवलिंग, भक्तों को मिलती सभी कष्टों से मुक्ति

अपनी धुरी पर 360 डिग्री पर घूमने वाले शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा श्योपुर के गौड़ वंशीय राजा पुरूषोत्तम दास ने 299 साल पहले यानी सन् 1722 में करवाई थी, इसका उल्ले इस मंदिर में लगे शिलापट्ट पर भी अंकित है। इस शिवालय को गोविंदेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।

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sawan somvar 2023

यूं तो शिवालयों में शिवलिंग की जलहरी का मुख एक निश्चित दिशा में होता है, लेकिन श्योपुर में स्थित गोविंदेश्वर महादेव शिवालय में सबसे अनोखा शिवलिंग है, जो अपनी धुरी पर 360 डिग्री पर घूम सकता है। इस शिवलिंग की खासियत है कि भक्त इसें अपनी सहूलियत के अनुसार किसी भी दिशा में घुमा सकते हैं। यानी यह शिवलिंग चारों दिशाओं में घूमता है।

यह अनूठा शिवलिंग श्योपुर के छार बाग मोहल्ला स्थित अष्टफलक की छतरी में है। इस शिवलिंग को इस तरह से बनाया गया है कि वह अपनी धुरी पर चारों तरफ घूम सकता है। भक्त अपनी इच्छा के अनुसार इस शिवलिंग की जलहरी को दिशा देकर भोलेनाथ को रिझाते हैं। चारों तरफ घूमने वाला यह अनोखा शिवलिंग लाल पत्थर का बना हुआ है। यह दो भाग में विभाजित है। एक पिंडी और दूसरा जलहरी। यह शिवलिंग के नीचे एक आकार में बनी पत्थर की धुरी पर टिका हुआ है। अपनी धुरी पर यह शिवलिंग चारों तरफ घूमता है। लोगों में मान्यता है कि धरती पर जब कभी प्रलय आएगी तो ये शिवलिंग स्वत: घूमने लगेगा।

299 साल पहले का है शिवलिंग

इस घूमने वाले शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा श्योपुर के गौड़ वंशीय राजा पुरूषोत्तम दास ने 299 साल पहले यानी सन् 1722 में करवाई थी, इसका उल्लेख इस मंदिर में लगे शिलापट्ट पर भी अंकित है। इस शिवालय को गोविंदेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। इससे पूर्व यह शिवलिंग सोलापुर महाराष्ट्र में बाम्बेश्वर महादेव के रूप में स्थापित था। गौड़ राजा शिवभक्त थे और वे ही इसे लेकर आए।

सावन का चौथा सोमवार आज

वर्तमान में चल रहे सावन माह के अधिकमास में भक्ति की बयार बह रही है। वहीं आज सावन माह का चौथा सोमवार है। यही वजह है कि शहर सहित जिले भर के शिवालयों में विशेष अभिषेक और पूजा अर्चना का दौर चलेगा। इस दौरान कांवड़ यात्राओं से जल लाकर विशेष अभिषेक भी होंगे।