
Assembly Elections 2023: जिले के मतदाता इस बार 2018 के विधानसभा चुनाव में हुए मतदान के रेकॉर्ड को तोड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं। इसकी बड़ी वजह दिवाली त्योहार के तुरंत बाद मतदान होना है। दिवाली के समय पलायन पर गए ग्रामीण वापस घर लौटते हैं, लिहाजा लोकतंत्र के उत्सव में उनकी सहभागिता तय है। यही वजह है कि बीते चुनावों के मुकाबले मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा। प्रशासन भी इसको लेकर खासा तैयारी कर रहा है। जिले से हर साल लगभग 25 हजार ग्रामीण रोजगार के लिए सीमावर्ती राजस्थान के साथ ही गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र राज्य में पलायन कर जाते हैं।
इस बार दीपोत्सव 10 नवंबर से है और काम पर गए सभी ग्रामीण इसके पहले ही अपने घर लौट आएंगे। उधर, मतदान 17 नवम्बर को होना है और इस समय तक ग्रामीण गांव में ही होंगे, ऐसे में ये लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र के इस महोत्सव में भागीदारी बनेंगे। मतदान प्रतिशत बढ़ाने ये हो रही कवायद ठ्ठ स्कूल-कॉलेज में कैंपस एंबेसडर बनाए गए, जिनके जरिए लोगों को मतदान का महत्व बताने के साथ अनिवार्य रूप से मतदान करने का आह्वान किया जा रहा है।
- सभी ग्राम पंचायतों में मतदाता जागरूकता से जुड़े बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं।
- सामाजिक संगठनों की भागीदारी के माध्यम से लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया जा रहा है।
- मैदानी अमले को खास तौर से ट्रेङ्क्षनग दी गई है ताकि वे ग्रामीणों को मताधिकार का महत्व बता सकें।
- स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से ज्यादा होता है पलायन लगभग 8 लाख की आबादी वाले श्योपुर जिले में कराहल और विजयपुर के कई गांव आदिवासी बाहुल्य है। इन्हीं इलाकों से रेाजगार के लिए बड़ी संख्या में युवा अन्य राज्यों में पलायन करते हैं। ऐसे में ये युवा दीपावली के त्योहार पर लौटेंगे, लिहाजा इन क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत बढऩे की उम्मीद है।
फैक्ट फाइल
* 08-लाख है जिले की आबादी
* 02-विधानसभाएं हैं जिले में
* 05-लाख 13 हजार मतदाता हैं जिले में
* 78-फीसदी मतदान हुआ था 2018 में
* 74-फीसदी मतदान हुआ था 2013 में
Updated on:
19 Oct 2023 07:17 am
Published on:
19 Oct 2023 07:13 am
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