
... तो फिर तरस जाएंगे मड़ीखेड़ा डैम के खुले गेट देखने
... तो फिर तरस जाएंगे मड़ीखेड़ा डैम के खुले गेट देखने
35 एमएलडी में ही बचा था 36 फीसदी पानी, 97 एमएलडी लेने के बाद क्या होगा..?
मड़ीखेड़ा डैम से ही सप्लाई होगा जलमिशन योजना का पानी
शिवपुरी। सिंध नदी पर बने मड़ीखेड़ा डैम के गेट लगभग हर साल अच्छी बारिश के दौरान खोले जाते हैं। अगले वर्ष के बाद से शिवपुरीवासियों सहित अन्य जिले के लोगों को खुले गेट देखने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। डैम से अभी महज 35 एमएलडी पानी ड्रिंकिंग वॉटर के रूप में लेने पर ही गर्मियों में 36 फीसदी पानी बचा था, तो जब जनवरी 2024 के बाद से 97 एमएलडी और अतिरिक्त पानी लिया जाएगा तो फिर डैम में कितना पानी गर्मियों में बचा करेगा..?। जब डैम अधिक खाली हो जाएगा तो उसे पूरा भरने तथा गेट खोलने की स्थिति तक पहुंचने में भारी बारिश का ही इंतजार रहेगा।
शिवपुरी जिले के नरवर में स्थित मड़ीखेड़ा से तीन महत्वपूर्ण कार्य होते हैं, जिसमें सबसे पहले सिंचाई के लिए पानी, दूसरा उपयोग ड्रिंकिंग वॉटर (पीने का पानी) तथा तीसरी उपयोगिता पावर जनरेशन (विद्युत उत्पादन) होता है। इस डैम से शिवपुरी सहित ग्वालियर-चंबल संभाग के अन्य जिलों में कुल 1,62,100 हेक्टेयर फसलों में सिंचाई होती है। जबकि सिंचाई के लिए पानी छोड़ते समय तथा डैम के गेट खोलते समय पावर जनरेशन यूनिट में लगी तीनों टरबाइन चलने पर 60 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होता है। इसकी प्रत्येक यूनिट 20 मेगावाट बिजली बनाती है। पिछले वर्ष मड़ीखेड़ा पावर जनरेशन यूनिट में अभी तक का सबसे अधिक बिजली का उत्पादन किया था।
ड्रिंकिंग वाटर की बढ़ेगी मात्रा
मड़ीखेड़ा डैम बने इंटेकबैल से शिवपुरी शहर को सिंध जलावर्धन योजना के तहत पानी सप्लाई होता है। सतनबाड़ा पर सिंध जलावर्धन योजना के तहत बनाए गए फिल्टर प्लांट की क्षमता 35 एमएलडी है, लेकिन इंटेकबैल में एक पंप चलने की वजह से 20 एमएलडी पानी ही दे रहा है। इसी डैम से जलजीवन मिशन में जिले के 800 गांव को पानी पहुंचाने के लिए जो दूसरा फिल्टर प्लांट बन रहा है, उसकी क्षमता 97 एमएलडी प्रति दिन की है। यह फिल्टर प्लांट जनवरी 2024 से शुरू हो जाएगा। अब जबकि 20 एमएलडी पानी देने में ही गर्मियों के समय डैम में महज 36 फीसदी पानी बचा था, तो जब 97 एमएलडी पानी लिया जाएगा तो डैम कितना खाली हो जाएगा।
एक साल में 40 एमसीएम पानी की होगी खपत
51 एमएलडी पानी प्रतिदिन लिए जाने पर डैम का पानी 20 एमसीएम (मिलियन घनमीटर) पानी कम होता है, ऐसे में जलमिशन योजना शुरू होने से 40 एमसीएम पानी कम होगा। यानि डैम के किनारे बहुत तेजी से सूखेंगे तथा बारिश के दौरान डैम भरने में अधिक पानी की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि अभी शिवपुरी जिले में जब 232 मिमी से अधिक बारिश हो गई, तो भी मड़ीखेड़ा डैम में 55 सेमी लेबल बढ़ सका है। इसलिए डैम भरने के बाद गेट खोले जाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
बोले डैम प्रभारी: अभी स्वीकृति के लिए नहीं आया पत्र
सिंध जलावर्धन के बाद अब जलमिशन के लिए भी डैम से पानी लिया जाएगा। इसके लिए परमीशन भोपाल से लेने के बाद पत्र हमारे पास आएगा। अभी उसका पत्र तो आया नहीं है। डैम में 320 मीटर के नीचे डेड एरिया होता है, उसके ऊपर का पानी ही उपयोगी होता है।
मनोहर बोराते, मड़ीखेड़ा डैम प्रभारी
फैक्ट फाईल
-जल मिशन: 97 एमएलडी पानी की खपत
- सिंध जलावर्धन: 35 एमएलडी पानी की खपत
- वर्तमान लेबल: 336.35 मीटर
- फुल लेबल 347.25 मीटर
- सिंचित क्षेत्र: 1,62,100 हेक्टेयर
Published on:
11 Jul 2023 08:49 pm
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