
संजीव जाट की रिपोर्ट
Kedarnath Cloud Burst : 4 से 11 अगस्त 2024 के बीच बदरवास की मां भुवनेश्वरी समिति द्धारा बद्रीनाथ धाम पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन होने वाला है। इसके लिए श्रावणमास का महीना होने के कारण केदारनाथ दर्शन के लिए भी चल गई। इसी बीच रात में हुई तेज बारिश के कारण जो भी आवागमन के रास्ते थे, टूट गए। इसी के चलते केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर बादल फटने से मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के अंतर्गत आने वाले बदरवास के 48 श्रदालु रास्ते में फंस गए थे। सभी श्रद्धालुओं को आज हेलिकॉप्टर से सुरक्षित रेस्क्यू कर निकाला गया है।
बता दें कि केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर बुधवार की रात बादल फटने से रास्ते का करीब 30 मीटर हिस्सा बह गया था। इसके चलते दोनों तरफ सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु रास्ते में फंस गए थे। इसी बीच इलाके में बारी बारिश भी जारी थी, जिसमें फंसे हुए लोगों को खासा चुनौतियों का सामना करना पड़ा। फिलहाल, गुरुवार की सुबह बारिश का सिलसिला थमने के बाद एनडीआरएफ, डीडीआरएफ जवानों को रेस्क्यू अभियान शुरु किया गया और मार्ग पर फंसे सभी श्रद्धालुओं को सिलसिलेवार ढंस से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाया गया। इसी क्रम में जानकारी सामने आई है कि जिले से गए सभी श्रद्धालुओं को कुछ देर पहले रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाया जा चुका है।
बदरवास कस्बे के रहने वाले 48 श्रद्धालु श्रावणमास का महीने में बद्रीनाथ धाम पर संगीतमय श्रीमदभावत की का आयोजन 4 अगस्त से होना है। इसी के चलते भागवत कथा में शामिल होने निकले थे। ये भागवत कथा बदरवास की मां भुवनेश्वरी रामायण सेवा समिति द्वारा 4 जुलाई से बद्रीनाथ धाम में आयोजित होने वाली थी। इस भागवत कथा का वाचन भी बदरवास के रहने वाले पंडित श्रीकृष्ण गोपाल महाराज करने वाले थे। इसके चलते बदरवास से 48 श्रद्धालु और 10 लोग खाना आदि कार्य के लिए पांच दिन पहले रवाना हुए थे।
जानकारी के मुताबिक इससे पहले कथा वाचक पंडित कृष्ण गोपाल शर्मा, कृपाण सिंह यादव, सुशील बंसल, श्याम सोनी, राधे चौधरी, विष्णु सिंघल, विनोद गोयल, ऋषि बैरागी, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। कुल 48 श्रद्धालुओं ने बुधवार की सुबह 5 बजे केदारनाथ की यात्रा शुरु की थी। बुधवार की शाम 5 बजे सभी केदारनाथ धाम पहुंचे थे। दर्शन के बाद श्रद्धालु सभी शाम को रवाना हो गए। लेकिन उन्हें बुधवार रात बादल फटने से रास्ता टूट गया, जिससे आवागमन बंद हो गया। इसके बाद सभी गौरी कुंड के लिए रवाना हुए। यहां से सभी श्रद्धालुओं को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। फिलहाल, सभी 48 श्रद्धालु रामपुर के एक होटल में रुके हैं, जहां से सभी शुक्रवार को बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होंगे।
Updated on:
01 Aug 2024 05:33 pm
Published on:
01 Aug 2024 05:31 pm
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