
8 घंटे तक अवरुद्ध रहा भितरवार-नरवर मार्ग
शिवपुरी-करैरा. शिवपुरी जिले के करैरा-भितरवार मार्ग पर ग्रामीणों व पुलिस प्रशासन के बीच हुए संघर्ष में हुई मासूम की मौत के बाद रोड पर 8 घंटे तक चक्काजाम लगा रहा। कलेक्टर व एसपी पीडि़त परिजनों को दोपहर से लेकर देर शाम तक समझाइश देते रहे, लेकिन परिजन दोषी पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज कराने की जिद पर अड़े रहे। इस दौरान इस रोड से आने-जाने वाले यात्री बसों में सवार लोग व अन्य वाहन चालक काफी परेशान हुए।
जानकारी के मुताबिक सुबह 11.30 बजे ग्राम रामनगर गधाई में रोड निर्माण के दौरान पाइप डालने को लेकर हुए विवाद के बाद ग्रामीणों व पुलिस के बीच हुई मारपीट की घटना में बालक की मौत व एक पुलिसकर्मी के घायल होने के बाद से ग्रामीणों ने मौके पर चक्काजाम कर दिया। पूरे दिन रास्ता बंद रहा और नरवर, भितरवार से लेकर करैरा से आने-जाने वाली यात्री बसें एक तरफ से दूसरी तरफ नहीं जा सकी। इसके अलावा अन्य वाहन चालक भी इस रास्ते पर फंस कर रह गए। हालात यह रहे कि सुबह से लगा जाम देर शाम करीब 8 बजे तक लगा रहा। इसी बीच कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह व एसपी राजेश सिंह चंदेल पीडि़त परिजनों सहित गांव के लोगों को अपरान्ह 4 बजे से लेकर 8 बजे तक समझाते रहे, लेकिन परिजनो की जिद थी कि जिन पुलिसकर्मियों की लाठी लगने से उनके बेटे की मौत हुई है, उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए। इधर अधिकारियों का कहना था कि पूरे मामले की जांच करा लेते है। जांच के बाद जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। घटनाक्रम के दौरान परिजनों की तरफ से करैरा विधायक प्रागीलाल जाटव, कांग्रेस नेता मान सिंह फौजी व भीम आर्मी के कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की बात बोलते रहे।
विवाद में मासूम की मौत से बिगड़ा माहौल
पूरी घटना में मासूम 9 माह के शिवा जाटव की मौत के बाद से पूरा मामला बिगड़ गया। ग्रामीणों का कहना है कि अगर कोई बात थी तो पुलिस उनको गिरफ्तार कर लेती, लेकिन करैरा थाने की पुलिस टीम के उनि राघवेन्द्र यादव, जगदीश रावत, अमरलाल बंजारा सहित अन्य ने जबरन उन पर लाठियां भांजी और इसी घटनाक्रम में मासूम बेटे की जान चली गई। इसके अलावा कई महिलाओं पर भी पुलिस ने लाठियां बरसाई है।
मारपीट के वीडियो सोशल साइट पर होते रहे वायरल
घटना के बाद से ग्रामीणों के साथ हो रही पुलिस द्वारा मारपीट के वीडियो सुबह से लेकर देर रात तक सोशल साइट पर वायरल होते रहे। हालात यह बन गए हैं कि मामला अति संवेदनशील होकर प्रशासन के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। घटनाक्रम में देर रात तक कोई निर्णय निकलकर सामने नहीं आ पाया है और अधिकारी ग्रामीणों को समझाने का लगातार प्रयास कर रहे थे।
Published on:
09 Nov 2021 10:54 pm
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