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VIDEO : डूबने से मौत का सिलसिला जारी, अब पवा ने लेली एक और जान

डूबने से मौत का सिलसिला जारी, अब पवा ने लेली एक और जान

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डूबने से मौत का सिलसिला जारी, अब पवा ने लेली एक और जान

डूबने से मौत का सिलसिला जारी, अब पवा ने लेली एक और जान

शिवपुरी । शहर के पर्यटन स्थलों पर रविवार को पुलिस तैनात नजर आई, लेकिन दूरस्थ पर्यटन स्थल आज भी भगवान भरोसे ही रहे। जिसके चलते पवा पर रविवार को एक बालक की डूबने से मौत हो गई। इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि सुल्तानगढ़ फॉल पर हुए हादसे के बाद भी प्रशासन अपने आदेशों का पालन देखने धरातल पर नहीं जा रहा और यह आदेश कागजों से बाहर नहीं आ पा रहे।
सुल्तानगढ़ में हुए हादसे के बाद रविवार को सुभाषपुरा थाना पुलिस के जवान रोड पर ही खड़े हो गए, ताकि उस खतरनाक स्पॉट तक न जा सकें। वहीं इसके उलट शिवपुरी से लगभग 35 किमी दूर प्राकृतिक झरना पवा पर किसी तरह के कोई इंतजाम नहीं किए गए, जबकि पिछले दो रविवार से हर बार हजारों की संख्या में सैलानी वहां पहुंच रहे हैं। रविवार की सुबह पोहरी के योगेंद्र जैन अपने मित्रों के साथ पिकनिक मनाने गए, तो उनका बेटा कृश उम्र 1४ वर्ष भी उनके साथ चला गया। बताया जाता है कि पवा के ऊपरी हिस्से में चट्टानों के बीच पानी में नहाने के बाद जब वे लोग कपड़े बदल रहे थे, तभी मासूम कृश एक पोखर में फिसल गया और पानी में ही डूबकर रह गया। आनन-फानन में बालक का पिता व उसके मित्र उसे लेकर शिवपुरी के निजी अस्पताल एमएम हॉस्पीटल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। यहां पर बड़ा सवाल यह है कि यदि सुरक्षा के इंतजाम यहां पर होते तो हो सकता है बालक की जान बच जाती। पर्यटन स्थल पवा जहां सुरक्षा के नहीं हैं कोई इंतजाम। इनसेट में पवा में डूबे बालक को जिला अस्पताल के डॉक्टर देखते हुए, लेकिन बाद में उसे मृत घोषित कर दिया।

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सुल्तानगढ़ फॉल जैसी ही स्थिति है पवा पर, अंचलभर से आते हैं सैलानी

सुल्तागनढ़ फॉल जैसी ही स्थिति पवा में भी है। यहां भी सुल्तानगढ़ की तरह ऊंचाई से जल प्रपात गिरता है। पवा झरने पर न केवल शिवपुरी शहर से बल्कि अंचल व दूसरे जिलों से भी सैलानी पिकनिक मनाने आते हैं। यहां पर भी मौजूद चट्टानों के पास भरे पानी में नहाने के साथ ही खाना-पीना भी चलता रहता है। लेकिन जब पानी का तेज बहाव आता है, तो पूरी चट्टान पानी के तेज बहाव में डूब जाती हैं। यहां भी पानी का फ्लो इतना तेज होता है कि फिसलन भरी चट्टानों पर पल भर रुकना मुश्किल हो जाता है। यदि सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए, तो यहां पर भी कोई दर्दनाक हादसा हो सकता है।

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मौत ही ले गई दूसरी बार नहाने

बताया जाता है कि पवा पहुंचने के बाद पहले तो पिता व बेटा चट्टान के पोखर में नहाने के बाद बाहर आ गए, लेकिन बालक ने फिर नहाने की बात कही तो पिता उसके साथ पोखर पर गया और जब तक वो कपड़े बदलने लगे, तब तक वो बालक फिसलन वाली जगह से गहरे में चला गया और उसी में डूबकर रह गया। कुछ देर बाद जब पिता को पता चला तो उसे बाहर निकाला और अस्पताल लेकर आए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई।

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हमने पवा सहित सभी प्राकृतिक झरनों पर सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। सुल्तानगढ़ जाने पर तो हमने रोक लगा दी। हमारे एसडीएम पवा पर रहे। हम तो चेतावनी आदि लिखकर व कोटवार सहित अन्य कर्मचारी भी लगाए। अब परिजन ही अपने बच्चे के साथ हैं और फिर भी ऐसा हादसा हो गया तो फिर कहीं न कहीं आमजन को भी इसके प्रति जागरुक होना पड़ेगा।
शिल्पा गुप्ता, कलेक्टर शिवपुरी

सुल्तानगढ़ जाने को पुलिस से उलझ रहे सैलानी

रविवार को अवकाश होने की वजह से सुभाषपुरा थाना पुलिस फोरलेन पर उस जगह खड़ी हो गई, जहां से होकर सुल्तानगढ़ पहुंचते हैं। इस दौरान एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों लोग चार पहिया वाहन से वहां घूमने जाने की जिद करने लगे, जिन्हें पुलिस ने यह कहकर समझाने का प्रयास किया कि वो खतरनाक जगह है, वहां पर न जाएं। इस दौरान पुलिस की कुछ लोगों से तीखी बहस भी हो गई। पुलिस का कहना है कि अब जाने से रोक रहे हैं तो लोग लडऩे को तैयार है, ऐसे में हम भी क्या करें ।