बैठक में केशव दुबोलिया ने बताया कि स्वदेशी की आवश्यकता सदैव रहने वाली है। हमें जापान व वियतनाम जैसे देशों से स्वदेशी की प्रेरणा लेनी चाहिए। जापान ने नागासाकी व हिरोशिमा पर परमाणु हमले के बाद स्वदेशी का भाव जागृत कर न सिर्फ अपने देश को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर किया, बल्कि दुनिया में अपनी तकनीक को सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाया। इसी प्रकार एक छोटे से देश वियतनाम ने 10 वर्षों तक अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश से लड़ाई लड़ी। किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए माइंड सेट करना आवश्यक है और अब भारत भी अपना माइंड सेट कर रहा है। कोरोना काल में भारत ने यह कर दिखाया है। भारत ने स्वदेशी कोरोना वैक्सीन का निर्माण कर लिया है जो सबसे सस्ती व सुरक्षित है। यह भारत के स्वदेशी स्वावलंबन का ही परिणाम है कि जिस चीन के साथ हमारा व्यापार 7 अरब डॉलर पार कर गया था वह अब 48 हजार पर आ गया है। आने वाले समय में यह धीरे-धीरे शून्य हो जाएगा। प्रांतीय संघर्ष वाहिनी प्रमुख सुरेश दुबे ने विगत दिनों भोपाल में आयोजित हुई क्षेत्रीय बैठक में प्राप्त दिशा-निर्देशों को कार्यकर्ताओं के सम्मुख प्रस्तुत किया एवं स्वदेशी जागरण मंच द्वारा केंद्रीय समिति द्वारा पारित प्रस्तावों की जानकारी प्रदान की। बैठक में प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य दिवाकर शर्मा, विभाग संयोजक राकेश शर्मा, ओम प्रकाश खेमरिया, आरडी शर्मा, हर्षित चतुर्वेदी, जगदीश पाराशर, किरण ठाकुर, प्रमोद दुबे, महेश भार्गव, राकेश जैन आदि मौजूद रहे।