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UPI के जरिए खातों में हुआ 65 लाख से ज्यादा का ट्रांजेक्शन, फ्रॉड का शिकार हुए आदिवासी

यूपीआई कोड के माध्यम से मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान से हुआ लेनदेन-खातों में 90 हजार का बैलेंस अब भी है-आरोपियों के घरों पर लटका ताला

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संजीव जाट
शिवपुरी (बदरवास). शिवपुरी जिले के बदरवास थाना इलाके के दोहा गांव की आदिवासी बस्ती में रहने वाले आदिवासी परिवार इन दिनों डर-डर कर जी रहे हैं। डरने की वजह वो जुर्म है जो उनने किया भी नहीं है लेकिन फिर भी उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। दरअसल ये आदिवासी सायबर फ्रॉड के शिकार हुए हैं। इनके खातों से बीते कुछ दिनों में 65 लाख रुपए से ज्यादा का ट्रांजिक्शन हुआ है जिसके कारण बस्ती के ही रहने वाले प्रकाश को राजस्थान की पुलिस बीते दिनों उसके घर से गिरफ्तार कर ले गई और वो अब भी राजस्थान की जेल में है।

पीएम सम्मान निधि के नाम पर खुलवाए खाते
दीवट गांव के रहने वाले आदिवासी प्रकाश को राजस्थान की बांसवाड़ा की पुलिस बीते दिनों जब गिरफ्तार कर ले गई तो इस हैरान कर देने वाली धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। प्रकाश अभी भी बांसवाड़ा की जेल में बंद है और बस्ती में रहने वाले बाकी आदिवासी खौफ में हैं। डर है कि कहीं उन्हें भी पुलिस गिरफ्तार न कर ले । दरअसल इन आदिवासियों को पीएम सम्मान निधि का प्रलोभन देकर उनके खाते कोलारस के एक्सिस बैंक में खुलवाए गए थे। जिनमें कुल मिलाकर 65 लाख रुपए से ज्यादा का ट्रांजेक्शन हुआ है। हैरानी की बात ये है कि इन आदिवासियों के पास न तो बैंक की पासबुक है और न ही एटीएम कार्ड और यूपीआई से हुए इस ट्रांजेक्शन के बाद एक आदिवासी को गिरफ्तार किया गया है।

देखें वीडियो-

प्रकाश की पत्नी-बच्चे कर रहे इंतजार
पत्रिका रिपोर्टर संजीव जाट जब दीवट गांव की आदिवासी बस्ती में रहने वाले प्रकाश के घर पहुंचे तो पता चला कि प्रकाश के बेटे का कुछ दिन पहले ही एक्सीडेंट हुआ है और वो बिस्तर पर पड़ा हुआ है। घर में पत्नी और बेटी के अलावा बुजुर्ग पिता हैं जो प्रकाश के बांसवाड़ा जेल से रिहाई का इंतजार कर रहे हैं। आदिवासी परिवार को जिम्मेदारों का इंतजार है कि कोई शायद उनकी मजबूरी समझकर उनकी मदद करेगा।

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इन आदिवासियों के खातों में हुआ ट्रांजेक्शन
राजाराम आदिवासी- 4 लाख रुपए, संग्राम आदिवासी- 4 लाख 50 हजार, शिवराज आदिवासी 4 लाख 67 हजार, रामवीर आदिवासी 4 लाख 30 हजार, लख्खू आदिवासी 4 लाख 25 हजार, दशरथ आदिवासी 4 लाख 60 हजार, मेहरबान आदिवासी 4 लाख 65 हजार, विक्रम आदिवासी 3 लाख 90 हजार, सुरेश आदिवासी 4 लाख 40 हजार, कल्ला आदिवासी 4 लाख 67 हजार, सविता आदिवासी 4 लाख 45 हजार, अमर सिंह आदिवासी 4 लाख 55 हजार, शिवकुमारी आदिवासी 4 लाख 40 हजार रुपए तीन आदिवासियों की डिटेल अभी आनी बाकी है।

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मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ से ऑपरेट हुए खाते
शुरुआती जांच में ये जानकारी हाथ लगी है कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में ये खाते ऑपरेट हुए और उनसे 65 लाख 67 हजार रुपए के ट्रांजेक्शन हुए। इन आदिवासियों के खातों में 90 हजार का बैलेंस अभी भी है। जबकि बाकी राशि ठगों ने यूपीआई और एटीएम के माध्यम से अलग-अलग स्थानों पर निकाल ली है।

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खाते खुलवाने वाले फरार, बैंक प्रबंधन शक के घेरे में
जिन लोगों ने इन आदिवासियों को पीएम सम्मान निधि का झांसा देकर खाते खुलवाए थे उनके नाम दिलीप कुशवाह निवासी पिरोठ इंदार थाना क्षेत्र, दिनेश कुशवाह और दिलीप कुशवाह निवासी बरोदिया के तौर पर हुई है जो कि अब घरों में ताला लगाकर फरार हो गए हैं। वहीं कोलारस के जिस एक्सिस बैंक में इनके खाते खुलवाए गए वहां का बैंक प्रबंधन भी शक के घेरे में है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि कैसे आदिवासियों के बैंक खातों की पासबुक, चेकबुक और एटीएम आदिवासी खाताधारकों को न देकर दूसरे लोगों के हाथों में दे दी गई। जिसकी जांच की जा रही है।

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