
MP News Interesting Facts: हाल ही में मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से एक अनूठा मामला सामने आया है। दरअसल 17 साल तक दुश्मन बनकर बदला लेने वाले इस जीव ने मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के रहने वाले एक युवक का दिन में घर से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया है।
पिछले कई साल से बहुत जरूरी हो तो भी ये युवक शाम ढलने के बाद ही घर से निकलता है और अपने काम निपटाता है। अगर ये दिन में बाहर निकल जाए तो ये जीव इसका चेहरा देखते ही युवक पर हमला कर देता है। अपनी तरह का ये मामला मध्य प्रदेश में भले ही पहला हो, लेकिन दुनिया भर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। इस रोचक खबर में जैसे ही आपको बदला लेने वाले इस पक्षी का नाम पता चलेगा तो हैरान होकर आप सोच में पड़ जाएंगे….
भारत एक ऐसा देश है जहां आपको कई किंवदंतियां, लोक मान्यताएं सुनने को मिल जाएंगी। एक ऐसी ही किंवदंती के मुताबिक नाग-नागिन को लेकर कहा जाता है कि नाग-नागिन को किसी भी तरह से पीड़ा पहुंचाई जाए फिर मार दिया जाए तो उसकी आंखों में मारने वालों की या पीड़ा पहुंचाने वालों की तस्वीर बन जाती है। इसी के आधार पर नाग-नागिन बदला लेते हैं और अपने दुश्मन को छोड़ते नहीं हैं। इस किंवदंती को सच मानते हुए अक्सर हम ये सांप को मारने पर जलाने की घटनाएं भी सुनते हैं।
लेकिन अब नई रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया कि सांप के साथ ऐसा हो या ना हो लेकिन कौवों के साथ ऐसा जरूर होता है। वे एक दो दिन, महीने या एक दो साल नहीं बल्कि 17 साल तक चोट पहुंचाने वाले व्यक्ति का चेहरा याद रखते हैं।
जीहां पृथ्वी पर कुछ ऐसे जीव हैं, जो चोट के साथ ही चोट पहुंचाने वाले को नहीं भूलते। इनमें से कौवा एक ऐसा ही जीव है, जो 17 साल तक ना चोट भूल पाता है और ना ही चोट पहुंचाने वाले का चेहरा। यही कारण है कि कौवों को वैज्ञानिक सबसे बुद्धिमान पक्षी मानते हैं।
इस नई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि कौवा ऐसा जीव है जो 17 साल तक दुश्मनी निभाता है। इस रिसर्च से पता चल जाता है कि कौवे का मैमोरी पावर अद्भुत होता है।
वैज्ञानिकों की ये रिसर्च पक्षी समुदायों में खतरों की जानकारी कैसे सामाजिक तौर पर एक-दूसरे से साझा होती है, इस पर भी खासी रोशनी डालती है।
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने इस शोध को 2006 में शुरू किया था। इसकी शुरुआत पर्यावरण वैज्ञानिक प्रोफेसर जॉन मार्जलूफ ने की थी। इस रिसर्च के लिए बकायदा उन्होंने कुछ डरावने मुखौटे पहनकर 7 कौवों को जाल डालकर पकडा़ और उन्हें छोड़ने से पहले उनके पैरों में लोहे के छल्ले डाल दिए थे, ताकि उनकी पहचान की जा सके।
बाद में उन्हीं मास्क को पहनकर इन एक्सपर्ट्स ने और उनके सहयोगियों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में घूमते हुए कौवों को दाना डालना शुरू कर दिया। मास्क पहने हुए मार्जफल ने एक घटना को याद किया जब उनके सामने आए 53 कौवों में से 47 कौए ने उन्हें परेशान कर दिया। इन कौवों में वो कौए भी थे, जिनके पैरों में एक्सपर्ट्स ने लोहे के छल्ले डाल दिए थे।
हैरानी की बात ये थी कि परेशान करने वाले इन कौवों का एक बड़ा झुंड था। इससे ये पता लग पाया कि कौवे ऐसे इंसानों को अच्छी तरह से पहचान सकते हैं, जो उनके लिए खतरा हो सकते हैं। इस दौरान अजीब ये था कि परेशान करने वाले इन कौवों के झुंड में मौजूद कौवों की संख्या 2013 में और बढ़ गई। उसके बाद लगातार इनकी संख्या में कमी भी होती गई।
2006 से 2023 तक चले इस रिसर्च में सामने आया कि 2023 में मास्क पहनकर निकलने के बादजूद किसी भी कौवे ने एक्सपर्ट्स को परेशान नहीं किया। बता दें कि इस रिसर्च में एक्सपर्ट्स को अमेरिका के तत्कालीन उपराष्ट्रपति डिक चेनी की तरह दिखने वाला मुखौटा पहनना था।
आपको जानकर हैरानी होगी कि कौवों के हमला करने और बुद्धिमानी के चौंकाने वाले मामले भी अक्सर सामने आते रहते हैं। पिछले कई शोधों में ये भी संकेत मिले हैं कि कौवों में औजार बनाने और गिनती गिनने की प्रतिभा भी होती है।
कुल मिलाकर रिसर्च कहती है कि कौवे 17 साल तक बदले की भावना रखते हैं और बदला लेने के लिए अपने दुश्मन का पीछा नहीं छोड़ते, वे खतरे को याद रख पहचान सकते हैं।
Updated on:
11 Nov 2024 02:50 pm
Published on:
11 Nov 2024 02:49 pm
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