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घुमंतू जाति के लोहपीटा समाज के लोग हो रहे परेशान

बड़ी बात यह है कि इन लोगों के पास ना तो राशन कॉर्ड है और ना ही इनको पेंशन मिलती है। ऐसे में यह राशन तक के लिए परेशान है। इधर जिम्मेदार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

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घुमंतू जाति के लोहपीटा समाज के लोग हो रहे परेशान

घुमंतू जाति के लोहपीटा समाज के लोग हो रहे परेशान

रन्नौद। गांव-गांव जाकर लोहे का सामान बेचकर अपना जीवन यापन करने वाले घुमंतू जाति के लोहपीटा समाज के लोग इस समय लॉकडाउन के कारण काफी परेशानी में है।

बड़ी बात यह है कि इन लोगों के पास ना तो राशन कॉर्ड है और ना ही इनको पेंशन मिलती है। ऐसे में यह राशन तक के लिए परेशान है। इधर जिम्मेदार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

जानकारी मुताबिक कोरोना के कारण हर वर्ग की कमर टूट गई है। इस हालात में सबसे ज्यादा परेशान लोहपीटा जाति के लोग है। इनका 1 दिन भी काटना मुश्किल हो गया है।

लोहपीटा समाज की बुजुर्ग लक्ष्मीबाई ने बताया पिछले 1 महीने से 11 गांव में चक्कर काट चुके है लेकिन लोग हमको देखकर भगा देते है। कोई कुछ खाने तक को नहीं देता।

कभी-कभी कोई आदमी हमको खाने का पैके ट दे देता तो मुश्किल से काम चल जाता है। इन हालात में हमारे बच्चें भूखे प्यासे तड़प रहे है। सरकार व जनप्रतिनिधियों से किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल रही है।

सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे पास कोई शासकीय दस्तावेज नहीं है जिससे हमें कोई मदद मिल सकें। यह लोग अभी अकाझिरी के बस स्टैण्ड के पास रोड़ किनारे ठहरे है।

यहां पर जैसे-तैसे मांगकर खाना खा रहे है। शासन ने हर वर्ग को 3 महीने का राशन दिया लेकिन हमारे पास अन्न का एक दाना भी नहीं है। पहले जो काम करके सामान बेचते थे तो हमारा गुजारा चल रहा था, अब कई बार तो भूखा सोना पड़ता है।