
जमालुद्दीन उर्फ छांगुर की फोटो (Photo Source: Patrika)
धर्मांतरण के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर का कनेक्शन श्रावस्ती से भी जुड़ता दिख रहा है। यहां इकौना के रहमानपुरवा में स्थित जामिया नूरिया फातिमा लिलबनात नामक बिना मान्यता के संचालित हो रहे बालिका आवासीय मदरसे की शनिवार को दोबारा छानबीन की गई। इस मदरसे को प्रशासन ने तीन मई को बंद कराया था। लेकिन अब एटीएस इसकी छानबीन में जुट गई है। एडीएम अमरेन्द्र कुमार वर्मा की अगुवाई में गठित टीम ने दस्तावेज कब्जे में ले लिए हैं।
श्रावस्ती में छापेमारी के दौरान मदरसे में मौजूद संचालक सैयद सिराजुद्दीन पुत्र शरीफउद्दीन की मौजूदगी में कमरे सील किए गए। एसओजी टीम भी कार्रवाई में शामिल रही। अधिकारियों को आशंका है कि मदरसा संचालक के तार बलरामपुर के उतरौला के रहने वाले धर्मांतरण के आरोपी छांगुर से जुड़े हो सकते हैं।
गुजरात के वडोदरा जिले के धोबोई के रहने वाले सैयद सिराजुद्दीन हाशमी ने वर्ष 2019 में जमीन खरीदकर इस मदरसे का संचालन शुरू किया था। कुछ समय में ही इसका दो मंजिला भवन बनकर तैयार हो गया था। 300 बालिकाओं को आवासीय सुविधा देकर दीनी तालीम दी जा रही थी। मान्यता न मिलने के बावजूद मदरसा चलाया जा रहा था। जिसे डीएम ने तीन मई को सील करा दिया था। बाद में सिराजुद्दीन को परिसर में रहने की अनुमति दी गई थी। लेकिन शनिवार को इसे पूरी तरह से सील कर दिया गया।
मदरसे के भव्य भवन और 300 छात्राओं की व्यवस्था के लिए फंड कहां से आता था। इस पर पहले से ही स्थानीय लोग सवाल उठा रहे थे। लेकिन किसी स्तर पर जांच नहीं हुई थी। सूत्रों के अनुसार, सिराजुद्दीन की रिश्तेदारी बलरामपुर के उतरौला में है। जिससे उसका वहां आना-जाना बना रहता था। अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं। कि उसका और छांगुर का आपस में क्या संबंध है। छापेमारी के दौरान उसके तीन बैंक खातों की जानकारी मिली है। एक स्थानीय बैंक में और दो गुजरात स्थित बैंकों में। इन खातों की जांच बैंक व ट्रेजरी अधिकारियों की मदद से की जाएगी।
Updated on:
13 Jul 2025 09:28 am
Published on:
13 Jul 2025 09:27 am
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