
युवा इंजीनियर अंकित मिश्र
सीधी. इस युवा इंजीनियर ने लॉकडाउन में वो धमाल कर दिया जो डिजिटल एजुकेशन के क्षेत्र में बड़ी क्रांति ला सकता है। बल्कि यों कहें कि अभी से ही सुदूर ग्रामीण इलाकों में तो अभी से इसका असर दिखने लगा है। आगे चल कर इसका व्यापक पैमाने पर पूरे देश में इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे लाखों-करोड़ों लोग लाभान्वित हो सकते हैं।
दरअसल युवा इंजीनियर अंकित मिश्रा ने ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया हैं जिससे विद्यार्थी घर बैठे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मोबाइल या लैपटाप से बेहतर शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। अंकित मिश्रा के इस सॉफ्टवेयर की हर जगह चर्चा हो रही हैं और कालेज के प्राध्यापक इस सॉफ्टवेयर का उपयोग करके अपने छात्र-छात्राओं को डिजिटल शिक्षा प्रदान करने लगे हैं।
बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने स्कूल एवं कॉलेज को फिलहाल बंद करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में कॉलेज के छात्र-छात्राएं अपनी शिक्षा कैसे ग्रहण करें, यह बड़ा सवाल था। कारण छोटे शहरों और गांव गिरांव में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए इंटरनेट की उपलब्धता बड़ा संकट है। लेकिन इस सॉफ्टवेयर से यह समस्या भी दूर हो जाएगी। ऐसा युवा इंजीनियर अंकित का दावा है।
कालेजों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करने वाले युवा इंजिनियर अंकित मिश्रा का सीधी से पुराना और गहरा रिस्ता रहा हैं। उनके पिता विपिन विहारी मिश्रा रामपुर नैकिन तहसील के ग्राम पंचायत भरतपुर में संचालित आयुर्वेद हास्पिटल में करीब 20-22 वर्ष तक आयुर्वेद चिकित्सक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे में अंकित का सीधी आना-जाना बना रहा हैं। वर्तमान समय पर वह होशगांबाद में अपनी सेवाएं दे रहें हैं। प्रदेश के छात्र-छात्राओं को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने स्कूल-कॉलेजों को अभी बंद करने का निर्णय लिया है। इसके कारण ऑनलाइन पाठन-पाठन काफी तेजी से चल पड़ा है। ऐसे में युवा इंजीनियर के द्वारा तैयार किए गए सॉफ्टवेयर से देश के करोड़ों छात्र-छात्राओं एवं प्राध्यापकों को लाभ होगा और बच्चे घर बैठे, कोरोना के संक्रमण से बचते हुए अपनी पढ़ाई कर सकेगें।
धीमी स्पीड पर भी काम करेगा सॉफ्टवेयर
कॉलेज के छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सॉफ्टवेयर बनाने वाले युवा इंजीनियर अंकित मिश्रा ने बताया कि यह सॉफ्टवेयर गांवों में जहां इंटरनेट की स्पीड काफी कम होती है वहां भी यह असानी से काम करेगा और इंटरनेट की स्पीड को बढ़ा देगा। उन्होंने बताया कि कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंश बनाए रखते हुए स्कूल- कॉलेजो में पढ़ाई के लिए नया सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इस सॉफ्टवेयर बनाने में 50 दिन लगे हैं। यह मोबाइल पर भी काम करेगा और इस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर निजी एवं शासकीय स्कूल एवं कॉलेज भी अपने छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पढ़ाई करा सकते हैं। मिश्रा ने बताया कि नवल सॉफ्टवेयर क्लाउड पर बना होने के कारण मोबाइल, लैपटाप और कंप्यूटर पर मेमोरी के उपयोग के बिना भी किया जा सकता हैं। ब्रॉडकास्ट यानी लाइव सेसन के लिए इंटरनेट की वन एमबी, पीएस मात्र की स्पीड से यह काम कर सकता हैं। एक्सेस किए जाने की सुविधा के कारण इसे लाइव के बाद भी देखा जा सकता हैं। इस सॉफ्टवेयर से शिक्षक अपने लेक्चर, क्विज, टेस्ट, असाइनमेंट, वर्चुअल क्लास अपलोड कर सकते हैं। छात्रों की उपस्थिति और लेसन प्लान, कितनी पढ़ाई हो चुकी है इसका भी रिकार्ड किया जा सकता हैं। मिश्रा ने बताया कि छात्र इस पर ऑनलाइन कक्षा, डाइट क्योरी कर सकते हैं। एक बार वर्चुअल क्लास में विषय समझ न आने पर इस क्लास को छात्र दोबारा देख सकतें हैं। स्कूल एवं कालेजों के प्राचार्य एवं प्रबंधन छात्र और शिक्षकों की गतिविधियों के साथ ही मूल्यांकन की गतिविधियां संचालित कर सकते हैं। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए यह सबसे उपयोगी सॉप्टवेयर है।
Published on:
16 Jun 2020 03:49 pm
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