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सीधी में धौहनी के जंगली क्षेत्र भारी पड़ सकता है प्रत्याशियों को

चुनाव-प्रचार में सिहावल के उम्मीदवारों को करनी पड़ेगी दौड़भाग

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Candidates can be heavy in the wild area of Dahoni

Candidates can be heavy in the wild area of Dahoni

सीधी. 28 को होने वाले मतदान के लिए २५ नवंबर को प्रचार थम जाएगा। उम्मीदवारों के पास प्रचार-प्रसार के लिए १७ दिन का समय ही शेष बचा है। इस दौरान उनका प्रयास रहेगा कि क्षेत्र को अधिक से अधिक समय दे पाएं। पत्रिका ने जिले की चारों सीटों का क्षेत्रवार विश्लेषण किया तो पता चला कि सीधी सीट के प्रत्याशी इस मामले में सर्वाधिक फायदे में रहेंगे। वे हर दिन 11 किमी का भ्रमण कर क्षेत्र के सभी मतदाताओं तक पहुंच सकते हैं। वहीं सिहावल के प्रत्याशियों को क्षेत्र के मतदाताओं तक पहुंचने के लिए सबसे ज्यादा मशक्कत करनी पड़ेगी। आकलन के मुताबिक, इन्हें पूरा क्षेत्र कवर करने के लिए रोजाना कम से कम 13 किमी चलना पड़ेगा।

जंगल-जंगल का करना होगा दौरा
क्षेत्रफल में सिहावल के बाद धौहनी सीट ही बड़ी है। इसमें सीधी एवं सिंगरौली जिले के कई गांव शामिल है। सीधी के कुसमी, मझौली तो सिंगरौली की सरई विकासखंड को धौहनी क्षेत्र में शामिल किया गया है। मझौली विकासखंड मे 148, कुसमी मे 70 व सरई मे 78 मतदान केंद्र आते हैं। जहां कुल मतदाता २ लाख 17 हजार 877 हैं। इस सीट में प्रचार के लिए 250 किमी का सफर तय करना हैं। ऐसी स्थिति में नामांकन दाखिल करने के बाद चुनाव प्रचार के लिए प्रतिदिन 14 किमी से ज्यादा का सफर तय करना होगा।

चुरहट: 190 किमी का सफर तय करना होगा
चुरहट विधानसभा सीट क्षेत्रफल के लिहाज से जिले में दूसरे नंबर पर आती है। यह विधानसभा सीट कमर्जी से शुरू होकर पश्चिम में पटना तो दक्षिण में खडड्ी अंचल तक जाती है। यहां कुल 2 लाख 27 हजार 155 मतदाता हैं। इस सीट पर भी भाजपा व कांग्रेस द्वारा प्रथम चरण मे ही प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई थी, जिससे पूर्व से ही प्रत्याशियों के द्वारा प्रचार अभियान मे जुट गए हैं। फिर भी नामांकन की तिथि समाप्त होने के बाद प्रत्याशियों को रोजाना करीब 11 किमी का सफर तय करना होगा।