
Dry drainage in the district, How to Find Diagnosis Read News
सीधी. जिले में लगातार बढ़ते अतिक्रमण से नदी-नालों का दायरा सिमटता जा रहा है। शहर के बीचों-बीच प्रवाहित सूखा नाले की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। पिछले एक दशक में इसके इर्द-गिर्द बड़ी संख्या में अवैध निर्माण कर लिए गए हैं। जानकारों की चितंा है कि यही स्थिति रही तो आगामी पांच वर्ष में नाले का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। हैरानी इस बात पर हो रही है कि जिम्मेदार अधिकारी शिकायत के बाद भी इस पर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद
सूखा नाले में पडऱा से पुलिस लाइन तक बड़ी संख्या में अतिक्रमण है। सबसे चिंताजनक स्थिति आजाद नगर बस्ती के पास है। यहां के ज्यादातर निर्माण कार्य सूखा नाला की पटरी पर किए गए हैं जिसके चलते सूखा नाला यहा ंपर पूरी तरह से सिकुड़ चुकी है। आजाद नगर से लेकर स्टेडियम सूखा नाला क्षेत्र में सैकड़ों मकान अतिक्रमण कर निर्मित कराए जा चुके हैं।
मिनी स्मार्ट सिटी से होना है सौंदर्यीकरण
शहरवासियों की मांग पर बीते कुछ वर्षों से नगर पालिका इसके सौन्दर्यीकरण की योजना बना रही है, लेकिन अतिक्रमण के चलते इसे आगे नहीं बढ़ा पा रही। सौंदर्यीकरण का मास्टर प्लान तैयार कर वरिष्ठ कार्यालय भेजा भी गया, लेकिन बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। मिनी स्मार्ट सिटी के प्रस्ताव में भी सूखा नाले के सौंदर्यीकरण को प्राथमिकता दी गई है। इसके तहत नाले के किनारे सड़क और चौपाटी निर्माण के साथ पौधरोपण कराना है। किंतु जब तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाता, तब तक यह सब कर पाना संभव नजर नहीं आ रहा।
Published on:
21 Jan 2019 10:54 pm
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