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मनमोहक प्रस्तुतियों के बीच बताया अध्यात्म का महत्व, ईष्र्या-द्वेष मनुष्य की सबसे बड़ी बीमारी, जाने कैसे मिलेगा छुटकार

पुण्यस्मृति... प्रजापिता ब्रह्मबाबा के जीवन परिचय पर चर्चा

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The importance of spirituality told among the lovely presentations

The importance of spirituality told among the lovely presentations

सीधी. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने प्रजापिता ब्रह्मबाबा की पुण्यस्मृति मनाई। माउंट आबू से आए हरे कृष्ण ने जीवन में अध्यात्म का महत्व समझाया। कहा कि आज हमारे पास इतना समय तो नहीं कि गीता और रामायण का अध्ययन कर सकंे। लेकिन इस संस्था से जुड़कर इनका सार जरूर समझ सकते हैं।

ईष्र्या द्वेष की बीमारी
उन्होंने कहा कि लोगों में आज ऊंच-नीच व ईष्र्या द्वेष की बीमारी है। जिसे आत्मज्ञान से ही दूर किया जा सकता है। तनाव की परिभाषा बताते हुए कहा, आज बच्चे बूढ़े और जवान परेशान हैं। अरुणा बहन ने प्रजापिता ब्रह्म बाबा के जीवन परिचय से अवगत कराया। इस अवसर पर साहित्यकार डॉ.शिवशंकर शुक्ल सरस, बजरंग उत्सव समिति के अध्यक्ष भास्कर सिंह ने भी विचार रखे।

बुजुर्गों का करें सम्मान
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. महेश ङ्क्षसह बघेल ने कहा, लोगों को वर्तमान समय अपने जीवन में आध्यात्मिकता को समाहित करने की आवश्यकता है। उन्होंने अपील किया कि हम सभी अपने बड़े बुजुर्गों का सम्मान करे, अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करें, आध्यात्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें। इस दौरान अंजली एवं पृथा ने अपने नृत्य के द्वारा कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए, वहीं गगन ने अपने गीत संगीत के द्वारा समा बांध दिया। इस अवसर पर शहर के गणमान्य नागरिक व आमजन उपस्थित रहे।