
The jailbreak in the district was not recovered even after two years;
सीधी. दो साल बाद भी नोटबंदी का असर बाजार में कायम है। रियल एस्टेट का कारोबार आज तक इसकी मार से उबर नहीं पाया। हालांकि, पिछले एक साल से इसमें कुछ सुधार देखने को मिला है, लेकिन खरीदार अभी भी उतने नहीं मिलते, जितनी पहले थी। वहीं नोटबंदी के दौरान शुरू किए गए डिजिटल ट्रांजेक्शन जैसी कवायद में भी लोगों कोई खास रुचि नहीं दिखाई है। यह बात और है कि पूर्व की तुलना में स्थिति बेहतर हुई है।
जानकारों ने गिनाए नफा-नुकसान
वैसे तो जिले में रियल एस्टेट का कारोबार पहले ही कमजोर रहा है। नोटबंदी ने थोड़ी बहुत जो उम्मीद भी रही उसे ढहा कर रख दिया। अभी भी कुछ ही लोग खुद के घर का सपना संजो पाते हैं। वजह नोटबंदी के बाद से कीमत में हुआ जबरदस्त इजाफा बना है। स्थानीय कारोबारियों की मानें तो ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले एक साल में स्थिति सामान्य हो जाएगी। पिछले दो वर्षों में कुछ एक को छोड़ दिया जाए तो जिले के किसी भी कारोबारी ने रियल एस्टेट में बहुत अधिक पूंजी नहीं लगाई है।
इन्होंने यह कहा
प्रापर्टी डीलर रोहिणी प्रसाद ने बताया किरियल स्टेट मे नोटबंदी ने पूरे कारोबार की जमीन ही हिला दी, जिसके कारण कई लोग ऐसे हैं जो नोटबंदी के पूर्व रियल स्टेट की दिशा मे अच्छे कार्य कर रहे हैं किंतु नोटवंदी के बाद वे धीरे-धीरे कारोबार ही बंद कर दूसरे ब्यवसाय मे जुट गए हैं। प्रापर्टी डीलर विक्रम सिंह ने बताया किदो साल बाद भी रियल स्टेट का कारोबार नोटबंदी के जख्म से उभर नहीं पाया है। प्लाटो की बिक्री के लिए ग्राहको का इंतजार करना पड़ रहा है, बड़ी समझाइस के बाद ही कोई प्लाट लेने की हिम्मत जुटा पाता है
Published on:
11 Nov 2018 02:07 am
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