
सीकर. शेखावाटी के लोगों में देश सेवा का जज्बा कूट-कूटकर भरा हुआ है। तभी तो भारतीय सेना में सबसे ज्यादा फौजी और शहीद इसी अंचल से हैं। युद्ध चाहे पाकिस्तान से हो चाइना से, यहां के बहादुर फौजी बेटे दुश्मनों से शेर की तरह लड़ते हैं। फौजियों के इस अंचल शेखावाटी में ऐसे बेटों की भी कमी नहीं जो अपनी बहुमुखी प्रतिभा से भी भारतीय सेना की मदद करने से नहीं चूकते हैं।
ऐसे ही बेटा है अशोक शर्मा। मूलरूप से झुंझुनूं के अजाड़ी कलां निवासी अशोक ने कमाल कर दिखाया है। अशोक ने केवल भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में वैज्ञानिक बनने में सफलता हासिल की है बल्कि भारतीय फौजियों के लिए करण का तीर और मृत्युकार नाम के दो अत्याधुनिक हथियार भी बनाए हैं। ये हथियार भारतीय सेना के लिए आतंकियों से मुकाबला करने में मददगार साबित होंगे।
ऐसी काम करेगी मृत्युकार
अशोक बपचन से ही प्रतिभा का धनी रहा है। कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं व भारतीय फौजियों की शहादत के चलते अशोक में कुछ मदद करने की ठानी। अशोक का डीआरडीओ में वैज्ञानिक पद पर चयन होने के बाद यह राह और भी आसान हो गई। अशोक ने एक ऐसी गाड़ी बनाई है जो ऑटोमैटिक है। यानि जिधर भी आतंकी नजर आएगा।
उधर ही गाड़ी मूव करके उसे निशाना बना लेगी। जरूरत पडऩे पर गाड़ी से बम विस्फोट भी किया जा सकता है। डीआरडीओ ने गाड़ी को मृत्युकार नाम दिया है। मृत्युकार के आठ चरण का काम पूरा हो चुका है। शेष तीन चरण का काम इजराइल में पूरा किया जाएगा। इसके लिए अशोक व उसकी टीम इजराइल जाएगी।
ऐसे चलेगा अशोक का बनाया तीर
डीआरडीओ में इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक विंग में वैज्ञानिक पद पर चयन होने के बाद अशोक ने सबसे पहला प्रोजेक्ट तीर का हाथ में लिया। तीर से भारतीय सैनिक दुश्मन को आसानी से निशाना बना सकते हैं। तीर दुश्मन के टकराते ही विस्फोट होगा, जिससे दुश्मन का खात्मा हो जाएगा। तीर चलाने में आसान है। इस लिए यह मददगार साबित होगा। तीर के एक बॉक्स में डायनामाइट व बैटरी लगाई गई, जिनसे विस्फोट होगा।
जानिए डीआरडीओ वैज्ञानिक अशोक के बारे में
अजाड़ी कला निवासी अशोक इस साल 16 दिसम्बर को 21 साल का हुआ है। 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद इसका डीआरडीओ में वैज्ञानिक के पद पर चयन हो गया था। अशोक ने अपनी पढ़ाई ननिहाल सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ उपखण्ड के रिणू से पूरी की है। इसके पिता गोपीचंद हलवाई का काम करते हैं। पिता बेटे अशोक को भी हलवाई बनाना चाहते थे।
Updated on:
22 Dec 2017 02:47 pm
Published on:
22 Dec 2017 02:42 pm
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