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राजस्थान के इस हाईवे पर 58KM के रास्ते में हर 2 किमी पर मौत का एक ब्लैक स्पॉट, 3 साल में 126 लोगों ने गंवाई जान

Rajasthan Road Accident: प्रदेशभर में खराब रोड इंजीनियरिंग के चलते लगातार सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही है।

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सीकर

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Anil Prajapat

Mar 22, 2025

Sikar-Road

सीकर। प्रदेशभर में खराब रोड इंजीनियरिंग के चलते लगातार सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही है। राजस्थान में प्रतिदिन रोड एक्सीडेंट में मरने वालों की औसत संख्या 33 के करीब है। प्रदेश से निकलने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों व स्टेट हाइवे सहित अन्य सड़कों पर करीब 600 ब्लैक स्पॉट बने हुए हैं। इन पर होने वाले हादसों में हर वर्ष औसत 11 हजार से अधिक लोगों की जान जा रही है।

एक रिपोर्ट के अनुसार शेखावाटी को जोड़ने वाले सीकर हाईवे पर जयपुर के चौमूं पुलिया से सीकर के रींगस तक हर दो किलोमीटर में एक ब्लैक स्पॉट है, 58 किलोमीटर के इस रास्ते में 25 ऐसी जगह हैं, जहां 3 साल में 126 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं। एनएच-52 पर हर दो किमी पर में एक ब्लैक स्पॉट बना हुआ है। सीकर जिले में 2020 की तुलना में 2024 में सड़क हादसों में कमी आई लेकिन मृतकों की संख्या बढ़ी है, ऐसे में सड़कें बनाने वाली कंपनियों व फर्मों पर सवाल उठ रहे हैं।

तकनीकी खामियां ले रही जान

रोड इंजीनियरिंग में खामियां छोड़ने के कारण ही सीकर जिले में सड़क हादसों में मृतकों की संख्या में इजाफा हो रहा है। सीकर जिले में 2020 में 780 सड़क दुर्घटनाओं में 390 लोगों की जान गई थी। वहीं, 2024 में 764 सड़क हादसों में 409 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में पिछीे पांच साल में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है लेकिन मौत के आंकड़े बढ़े हैं, 19 लोगों की अधिक जान गई है।

ओवर स्पीड और रोड इंजीनियरिंग में खामियों के चलते सबसे ज्यादा सड़क हादसे हो रहे हैं। वहीं दुपहिया वाहन चालक अधिक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। दीपावली पर्व से ठीक पहले लक्ष्मणगढ़ बस हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई थी लेकिन फिर भी परिवहन विभाग व पुलिस विभाग ने कोई सबक नहीं लिया।

सीकर जिले में 15 से अधिक ब्लैक स्पॉट

सीकर जिले में 15 से अधिक ब्लैक स्पॉट हैं, जिन पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। फतेहपुर कस्बा, लक्ष्मणगढ़, भढ़ाढ़र बाइपास, रामू का बास तिराहा, पलसाना बाइपास, बावड़ी स्टैंड, मंढ़ा मोड़, रींगस मोड़, झुंझुनूं बाइपास, बगिया होटल चौराहा सहित अन्य स्थानों पर बने ब्लैक स्पॉट पर लगातार हादसे हो रहे हैं। पुलिस विभाग के ये आंकड़े ही हादसों के दर्द की पुष्टि कर रहे हैं।

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खानापूर्ति कर रही सरकार व एजेंसियां

राज्य सरकार, परिवहन विभाग और जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से सड़क हादसों को रोकने के लिए कोई उचित प्रबंध नहीं किया जा रहा है। एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, आरएसआरडीसी, जैसी सड़क बनाने वाली एजेंसियां बजट कम करने के लिए रोड इंजीनियरिंग में खामियां छोड़ रही हैं, इसी कारण सड़क हादसों की संख्या बढ़ रही है। कॉलेजों, शिक्षण संस्थानों में बच्चों व विद्यार्थियों यातायात नियमों के प्रति जागरूक नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार व परिवहन विभाग सिर्फ यातायात पखवाड़ा मनाकर खानापूर्ति कर लेते है।


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