उसके खिलाफ पूरण यादव ने ठगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2017 में संजय और आलोक नाम के व्यक्ति ने पूरण की पारूल से सचिवालय की कैंटीन में मुलाकात करवाई। उस दौरान पारूल ने परिवादी को अपनी ऊंची पहुंच और सीकर मेडिकल कालेज में नोडल अधिकारी होने का हलावा देकर झांसे में ले लिया। आरोप है कि पारूल ने मेडिकल कॉलेज में काम-काज के मामले में टेंडर, लैब टेक्नीशियन और एलडीसी के पद पर नौकरी दिलवाने के नाम पर करीब 66 लाख रुपए हड़प लिए। परिवादी की तरफ से तकाजा करने पर राज्य सरकर के फर्जी नियुक्ति पत्र और टेंडर के मामले में भी फर्जी वर्क आर्डर के दस्तावजे थमा दिया। मुखबिर की सूचना पर एसओजी के निरीक्षक धर्मवीर सिंह की टीम ने रविवार को आरोपी डाक्टर पारूल को सीकर से गिरफ्तार कर लिया।
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डॉक्टर बताकर दूसरों को देता था सलाह ( crime in Sikar )
शहर के रामलीला मैदान स्थित अपार्टमेंट में पारूल शर्मा लम्बे समय से किराए पर रह रहा है। वह स्वयं को डॉक्टर बताता है, लेकिन कभी कोई मरीज नहीं देखा। इतना जरूर है कि मोहल्ले के लोग जब उससे चिकित्सा संबंधी बात करते तो वह जयपुर के किसी चिकित्सक को दिखाने की सलाह देता था। दोपहर करीब ढाई बजे बजे एसओजी की टीम जब पारूल शर्मा को गिरफ्तार करने रामलीला मैदान स्थित अपार्टमेंट पहुंची तो पहले तो लोग समझ ही नहीं पाए। बाद में एक दूसरे से जानकारी लेने का प्रयास करते रहे। डॉ. पारूल को टीम बाद में शहर कोतवाली थाने लेकर गई। वहां से उसे जयपुर ले जाया गया। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि पारूल शर्मा का परिवार मूलत: उत्तरप्रदेश का है। उसके पिताजी यहां पर बैंक में कार्य करते थे। इसके बाद से परिवार यहीं पर रहने लगा।