
विडम्बना: राम के बाद अब राज भी रूठा, 20 हजार हैक्टेयर में फसल तबाह
रबी की फसलों और सब्जियों की खेती के जरिए बेटी का ब्याह व खुद का घर बनाने के प्रदेश के किसानों के सपनों पर पालामार जमाऊ सर्दी ने पानी फेर दिया है। किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें नजर आ रही है। हाल यह हो गया कि कई खेतों में रबी सीजन की नकदी फसल सरसों में 50 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान हो गया है वहीं प्याज सरीखी नकदी फसल प्याज के पत्ते झुलस गए। कृषि विभाग ने जिले में पाले से हुए नुकसान का प्रभावित क्षेत्र करीब बीस हजार हेक्टैयर माना है। विभाग ने सर्वे करवा लिया है। आकलन के अनुसार नुकसान प्रभावित क्षेत्र में 30-40 प्रतिशत तक उत्पादन गिर गया है।
गिरदावरी की मांग
किसान महापंचायत के प्रदेश महामंत्री सुंदरलाल भावरिया और अजीतगढ़ पंचायत समिति सरपंच संघ के अध्यक्ष शंभूदयाल मीणा का कहना है कि अजीतगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र में पाला पड़ने के कारण सरसों की 90 प्रतिशत फसल नष्ट हो चुकी है चने,जौ गेहूं एवं सब्जी की फसलों को भी भारी नुकसान हो रहा है जिस कारण सरकार जल्दी ही गिरदावरी कराकर किसानों को उचित मुआवजा दिलाए जिससे किसानों को राहत मिल सके। अजीतगढ़ , मानगढ़ ,जुगराजपुरा, खटकड़, किशोरपुरा समेत करीब एक दर्जन गांव में जाकर खेतों का जायजा लिया गया।
प्रति बीघा लागत मिलना मुश्किल
पिछले साल की तुलना में ज्यादा बुवाई होने के बावजूद जिले में तेज सर्दी के कारण मटर, तरबूज, प्याज जैसी उद्यानिकी फसलों में खासा नुकसान हुआ है। वहीं कई खेतों में प्रतिबीघा लागत निकलना तक मुश्किल हो गया है। बेरी के प्रगतिशील किसान शीशपाल सिंह ने बताया कि क्षेत्र में जिले में सबसे ज्यादा मटर उत्पादक क्षेत्र है। सर्दी के सीजन में एक बार भी नहीं होने के कारण और पाला गिरने के कारण मटर का उत्पादन 30-40 प्रतिशत तक गिर गया है। हाल यह हो गया कि जहां पहले क्षेत्र में रोजाना एक दर्जन से ज्यादा बड़े वाहन मटर लेकर जाते थे वहां अब इक्का-दुक्का वाहन ही नजर आते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा के मुआवजे पर भी संशय
विडम्बना है कि रबी सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत बीमित होने के बावजूद पाले से नष्ट होने के बावजूद पात्र किसानों को महज अधिसूचित फसल का ही मुआवजा मिल सकेगा। ऐसे में किसानों को फसल बीमा का लाभ मिल पाना बेहद मुश्किल हो गया है। बीमा के प्रीमियम की राशि चुकाने के बाद किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। वहीं जिम्मेदार भी बीमित होने के बाद भी मुआवजा को लेकर किसी प्रकार का स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
श्रीमाधोपुर 7880
खंडेला 3442
नीमकाथाना 4667
पाटन 3340
रींगस 33155
फतेहपुर 620
लक्ष्मणगढ़ 2290
सीकर 890
धोद 3120
दांतारामगढ़ 3410
नेछवा 1340
रामगढ़ सेठान 1021
(प्रभावित क्षेत्र हैक्टेयर में)
सीएम तक पहुंचाएंगे दर्द
किसानों का दर्द मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे जिससे पाले से प्रभावित क्षेत्र में जल्द मुआवजा दिलाया जा सके। सर्वे कराने की भी तैयारी है। हर जिले से जानकारी भी जल्द जुटाई जाएंगी।
महादेव सिंह खंडेला अध्यक्ष, किसान आयोग
Published on:
17 Jan 2023 11:40 am
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