वाहन चोरी में मास्टरमाइंड होने के कारण वह तीन महीने तक आनंदपाल सिंह का ड्राइवर भी रह चुका है। पुलिस अधीक्षक डॉ.गगनदीप सिंह सिंगला ने बताया कि मनीष जाट उर्फ मनीष बच्चियां पुत्र पप्पूराम निवासी सिरोही, नीमकाथाना को गिरफ्तार किया है। एडीजी क्राइम जयपुर की ओर से मनीष को पकडऩे के लिए 20 हजार रुपए के इनाम घोषित किया था। उसे कोर्ट में पेश कर 5 दिन के रिमांड पर लिया है।
वह 2016 से फरार चल रहा था। पुलिस की टीमें लगातार उसे तलाश कर रही थी। पुलिस की टीमें कड़ी से कड़ी जोड़ कर तलाश में जुटी थी। मुखबिर से पुलिस को सूचना मिली थी कि रामूकाबास स्टैंड पर शातिर मनीष कहीं जाने के लिए खड़ा हुआ है। पुलिस की टीमों ने उसे पकडऩे के लिए घेराव कर लिया। पुलिस को देखते ही वह भागने लगा। चारों ओर से घेराव कर उसे पकड़ लिया गया। वह बस में बैठ कर कहीं जा रहा था। मनीष काफी शातिर है और वाहन चोरी में मास्टमाइंड है। आनंदपाल सिंह ने उसे अपना ड्राइवर भी रखा था। उसने आनंदपाल के साथ भी काफी जगहों पर फरारी काटी थी। वह पवन बानूड़ा, शक्ति सिंह रानोली सहित कई अन्य बदमाशों के संपर्क में था।
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जयपुर, अलवर, टोंक, झुंझुनूं व हनुमानगढ़ में की दर्जनों वारदातें
आनंदपाल गैंग के साथी कुलदीप, अनुराधा,पवन बानूड़ा के साथ मिलकर मनीष सीकर के व्यापारी विनोद सर्राफ के अपहरण ( Kidnaped of businessman Vinod ) कर फिरौती मांगने में शामिल रहा था। हरमाड़ा जयपुर में वारदात के दौरान पुलिस ने उसे पकडऩे का प्रयास किया तो वह पुलिसकर्मियों पर हमला कर फरार हो गया। फरारी के दौरान उसने जयपुर से 8 वाहन, जयपुर शहर से 2 वाहन, झुंझुनूं से 6 वाहन, अलवर से 2 वाहन, सीकर से 11 वाहन चोरी करने की वारदात की। इसके अलावा सीकर, अलवर, झुंझुनूं, जयपुर, टोंक व हनुमानगढ़ में भी शराब ठेके लूट, पशु चोरी की वारदातें कबूल की। पुलिस उसे पिछले 27 महीनों से तलाश कर रही थी। पुलिस की दबिश की सूचना मिलने पर वह असम व नागालैंड में चला जाता था। वहां पर ट्रकों में छिपकर फरारी काटता था।
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13 की उम्र से छठीं पास मनीष वाहन चोरी कर गैंग को दे रहा था, 500 से ज्यादा चुराए
मनीष वाहन चुराने में शातिर है। वह बोलेरों, थार व कैंपर गाडियों की चोरी करता है। कुछ ही सैंकेंड में वाहन चोरी कर ले जाता है। अपने पास हमेशा मास्टर चाबी रखता है। उसने कुलदीप उर्फ केडी से वाहन चोरी करना सीखा। केडी को ही अपना गुरु मानाता था। 13 साल की उम्र में ही उसने वाहन चोरी करना सीख लिया था। पूछताछ में उसने बताया कि वह पांच सौ से ज्यादा वाहन चोरी कर चुका है। वह गाडियों को चलाने में काफी मास्टर है। गाड़ी पंचर हो जाने पर भी वह पुलिस के हाथ नहीं आ सकता है। इसी खासियत के कारण से उसे आनंदपाल गिरोह में शामिल किया गया था। वह गिरोह को वाहन चोरी कर उपलब्ध करवाता था। शक्ति सिंह व पवन बानूड़ा के लगातार संपर्क में था।
मोबाइल फोन भी अपने पास नहीं रखता था, ट्रकों में फरारी काटता
डॉ. गगनदीप सिंगला ने बताया कि पिछले लंबे समय से पुलिस टीम तलाश में जुटी थी। मनीष अपने पास मोबाइल फोन भी नहीं रखता था। घर भी नहीं आता था। पुलिस की दबिश होने पर ट्रकों में फरारी काटता था। वह असम और नागालैंड में ट्रकों में छिपकर चला जाता था। उन्होंने बताया कि रामूकाबास स्टैंड पर उसके मिलने की सूचना पर उसे दबोच लिया। उन्होंने बताया कि एएसपी सीकर देवेंद्र शर्मा, नीमकाथाना डीएसपी रामवतार सोनी, एसआई साइबर सेल मनीष शर्मा, रानोली थानाधिकारी पवन चौबे, पाटन थानाधिकारी नरेंद्र भडाना, अजीतगढ़ थानाधिकारी सवाई सिंह, हैड कांस्टेबल सुभाष, कांस्टेबल अंकुश, विकास, राकेश, मुकेश की सराहनीय भूमिका रही। उन्होंने जयपुर आईजी की ओर से टीम को इनाम दिए जाने की भी घोषणा की है।