
पूरण सिंह शेखावत/सीकर। राजस्थान में नवाचार के लिए जाने वाले शेखावाटी में धोरों में सेब के पौधे उगाकर एक नया कीर्तिमान जोड़ा है। बेरी गांव की प्रगतिशील किसान संतोष खेदड़ ने सिंदूरी अनार के सफल उत्पादन हासिल है।
गर्मी के पीक समय में सुर्ख रंग के सेब से लकदक पौधों को देखकर कृषि विभाग के अधिकारियों सहित हर कोई हतप्रभ है। जून माह में इन पौधों का उत्पादन बाजार में आने लगेगा। अधिकांश फलों का वजन भी दो सौ ग्राम तक है। संतोष ने 2015 में सेब की एचआरएमएन 99 सेब किस्म के पौधे की एक कलम नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन अहमदाबाद की ओर से दी गई थी।
इसके बाद उसने एक मदर प्लांट से सेब की नई कलम तैयार की और उन्हें खेत में लगाया। इसके बाद एक साल से अच्छी फ्रुटिंग आई और अब सेब के एक पेड़ से 70 से 80 किलोग्राम का उत्पादन मिलने के आसार है। वहीं ऑफ सीजन होने के कारण लोगों को कोल्ड स्टोरेज की सेव नहीं खानी पड़ेगी।
गर्मियों में मिलेंगे ताजा सेवा
बकौल संतोष हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर क्षेत्र में सेव अगस्त से नवम्बर माह में तैयार हो जाता है। लेकिन गर्मियों में तापमान ज्यादा होने के कारण उन पौधों पर फल नहीं आते हैं। इसे देखते हुए हरमन 99 किस्म तैयार की गई और शुरूआत में काजरी संस्थान में इसके दो हजार पौधे लगाए गए लेकिन अधिकांश पौधे नष्ट हो गए।
इसके बाद वहां से सेब की कलम लाकर बेरी में उगाई गई। खास बात यह है कि ये वेराइटी जून माह में ही तैयार हो जाती है। इस वैरायटी में 1 साल में फल आना शुरू हो जाया। किसानों की आय अधिक बढ़ाई जा सके इसके लिए वह खेत में किसानों को ट्रेनिंग भी देती है।
इनका कहना है
बेरी में प्रगतिशील किसान के खेत का अवलोकन किया गया। जिसमें सेब के पौधों पर अच्छे फल मिले। हालांकि स्वाद और गुणवत्ता को लेकर अभी स्पष्ट से कुछ नहीं कहा जा सकता है।
हरदेव सिंह बाजिया, उपनिदेशक उद्यान
Updated on:
08 Jun 2023 10:43 am
Published on:
07 Jun 2023 05:21 pm
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