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Khatu Shyam: बाबा श्याम का अनूठा भक्त, हर एकादशी पर श्रद्धालुओं को खाटू तक बस में मुफ्त कराता है सफर

Khatu Shyam Free Bus: निजी बस के मालिक अनिल कुमार यादव ने बताया कि यह बस शाहपुरा से शाम 6.30 बजे रवाना होकर अजीतगढ़ के रोडवेज बस स्टैंड के सामने शाम 7.15 बजे पहुंचती है।

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सीकर

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Rakesh Mishra

Jun 05, 2025

Khatu Shyam Free Bus

खाटू श्यामजी के लिए एकादशी पर चलने वाली बस। (फोटो- पत्रिका)

राजस्थान के अजीतगढ़ में खाटूश्यामजी के बाबा श्याम पर अटूट श्रद्धा रखने वाले कस्बे के निजी बस मालिक हर माह की एकादशी को शाहपुरा से वाया अजीतगढ़ होते हुए खाटूश्यामजी तक भक्तों के लिए निशुल्क बस चलाते हैं। करीब पांच दर्जन से ज्यादा श्रद्धालु इस बस में निशुल्क यात्रा बाबा श्याम के दर्शन करने जाते हैं। निजी बस के मालिक अनिल यादव ने बताया कि अजीतगढ़ बस स्टैंड से ये बस चलती है।

शाहपुरा से रवाना होती है बस

निजी बस के मालिक अनिल कुमार यादव ने बताया कि यह बस शाहपुरा से शाम 6.30 बजे रवाना होकर अजीतगढ़ के रोडवेज बस स्टैंड के सामने शाम 7.15 बजे पहुंचती है। यहां से बस शाम 7.30 बजे खाटूश्याम जी के लिए रवाना होकर रात 9.30 बजे खाटूश्यामजी पहुंचती है। उसके बाद श्रद्धालु मंदिर में श्रीश्याम के दर्शन करने के लिए लाइन में लग जाते हैं। इस दिन मंदिर रात में भी खुला रहता है। बस आने वाले श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन के बाद वहां भजनों का आनंद लेते हैं। साथ ही कई मंदिरों में दर्शन करते हैं।

उसके बाद यह बस दूसरे दिन खाटूश्यामजी से सुबह 5 बजे सभी श्रद्धालुओं को लेकर रवाना हो जाती है। यह अजीतगढ़ में सुबह 7.15 बजे एवं शाहपुरा सुबह 7.45 बजे पहुंचती है। यादव ने बताया कि निशुल्क बस की सूचना जगह-जगह शाहपुरा और अजीतगढ़ के दुकानों पर चस्पा कर रखी है। अजीतगढ़ से खाटूश्यामजी का किराया एक तरफ का 55 से 60 रुपए है एवं शाहपुरा से खाटूश्याम जी का किराया 80 रुपए है।

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6 जून को भी चलेगी बस

अब 6 जून को निर्जला एकादशी पर अजीतगढ़ बस स्टैंड से यह बस खाटूश्यामजी जाएगी। यादव ने बताया कि वे कई महीनों से एकादशी पर श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क बस चला रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्याम भक्तों की सेवा करने पर काफी शांति मिलती है। जो श्रद्धालु उनकी बस में जाता है उसकी वह भरपूर सेवा करते हैं। जब तक उनकी बस में गए श्रद्धालु दर्शन करके मंदिर से वापस बस तक नहीं आते हैं तब तक वे बस को वहां से रवाना नहीं करते हैं। गाड़ी में गए सभी श्रद्धालुओं को वापस बस में बैठा कर अजीतगढ़ छोड़ा जाता है।

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