
Ganesh Chaturthi 2024: खाटूश्यामजी के बाज्यावास गांव के गढ़ गणेश महाराज का मंदिर में मान्यता है कि यहां नारियल बांधने मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। पहाड़ी पर बने 150 साल पुराने किले के पास आज से लगभग 20 साल पहले संत गोविंददास ने रात दिन परिश्रम कर इस मन्दिर का निर्माण करवाया था। गढ़ पर स्थित होने के कारण इस मन्दिर को गढ़ गणेश का नाम दिया गया। बाज्यावास गांव की कोई खास पहचान तो नहीं है, मगर चमत्कारों के चलते मंदिर की प्रसिद्धि देश-प्रदेश में फैली हुई है। गांव सहित क्षेत्र के लोग विवाह व अन्य कोई मांगलिक कार्यों का प्रथम निमंत्रण पत्र व प्रसाद गढ़ गणेश के दरबार में अर्पित करने के बाद ही कार्य आरंभ करते हैं।
साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है और नव विवाहित जोड़े सबसे पहले गढ़ गणेश मन्दिर में जात देने जरूर आते हैं। हर वर्ष गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर पांच दिवसीय महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही मेले और भंडारे का आयोजन किया जाता है। जिसमे समूचे प्रदेश से दूर दूर से भक्त आते हैं। पिछले कुछ समय से मन्दिर ट्रस्ट की ओर से बहुत से विकास कार्य करवाए गए है।
बाज्यावास के गढ़ गणेश मंदिर के पुजारी महावीर प्रसाद वैष्णव ने बताया कि तीन सितंबर को कलश यात्रा व हवन पूजन से मेले का शुभारंभ होगा। इसके बाद छह सितंबर को झांकी निकाली जाएगी। सात सितंबर को दुग्धाभिषेक, छप्पन भोग की झांकी सहित भंडारे का आयोजन होगा। मेले को सफल बनाने को लेकर हनुमान शिंह शेखावत, मोटलावास सरपंच प्रभुसिंह गोगावास , विनोद पारीक, बजरंग सिंह, नंदू सैन, घनश्याम शर्मा, सीताराम लांबा, कमल सिंह, कजोडमल़, गुमानाराम, रिछपाल सिंह, सतपाल सिंह, भंवर लाल आदि सहयोग कर रहे हैं।
Published on:
06 Sept 2024 03:10 pm
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