इसमें न केवल बिना दहेज के ही शादी हुई बल्कि दुल्हन को तोहफे में कार भी भेंट की गई। जबकि अब तक तो ऐसे ही मामले सामने आते रहे हैं कि दूल्हे ने दहेज में कार नहीं मिलने के कारण शादी से इनकार कर दिया। यह अपने आप में एक अनूठा मामला है, जिसमें वर पक्ष की ओर से दुल्हन को मुंह दिखाई रस्म के तोहफे में कार भेंट की गई है। मामला राजस्थान के झुंझुनूं जिले का है।
जाटिया स्कूल प्रिंसीपल के बेटे से हुई शादी
-बिसाऊ के जाटिया स्कूल के प्रिंसीपल कमलेश तेतरवाल का बेटा संयम बंगलौर की एमएनसी में रिसर्च एनालिस्ट है।
-संयम की शादी शुक्रवार को बंगलौर की ही एक एमएनसी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हिमानी के साथ सम्पन्न हुई।
-खास बात यह है कि इस शादी में कोई दहेज नहीं लेकर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया गया।
-ससुराल पक्ष द्वारा बहू को मुंह दिखाई के तोहफे में कार दिए जाने की चर्चा पूरे शेखावाटी में रही।
कलक्टर ने सौंपी कार की चाबी
दुल्हन हिमानी शादी के बाद पहली बार ससुराल आई तो ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे मुंह दिखाई रस्म के उपहार में Hyundai I10 कार भेंट दी। कार की चाबी झुंझुनूं जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने दुल्हन को सौंपी। इस मौके पर महिला बाल विकास के सहायक निदेशक विप्लव न्यौला, पवन कड़वासरा, दुल्हन के भाई पंकज झाझडिय़ा, प्रशांत झाझडिय़ा, संयम के नाना ओमप्रकाश कुल्हरि, मामा राजेश कुल्हरि, बहन नेहा व जीजा अभिषेक चौधरी आदि सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। इस मौके पर बहु हिमानी ने कलक्टर की क्लास के लिए सहयोग के तौर पर कलक्टर को 11 हजार रुपए का चैक सौंपा।
दुल्हन बोली-मैं सबसे भाग्यशाली
लीक हटकर काम करना चाहते थे ससुर
हिमानी के ससुर कमलेश तेतरवाल ने कहा कि वे हमेशा से ही लीक से हटकर कार्य करने में विश्वास करते हैं। बेटे की शादी में कार या अन्य सामान मिलने की बात हर कोई करता रहता है, मगर मेरी सोच थी कि हमें यह सोचना चाहिए कि दुल्हन ससुराल आकर पहली बार वापस अपने घर जाएगी तो उसे तोहफे में क्या दिया जाना चाहिए। उसी सोच के बदौलत उसे तोहफे में कार भेंट की है।