
भवन के मुख्य द्वार के ठीक सामने भवन की ओर आने वाली सड़क का होना एक ऐसा वास्तु दोष है, जो परिवार के सदस्यों के लिए असहनीय कष्ट व समस्याओं का कारण बनता है।
इस वास्तुदोष को दूर करने के लिए भवन के द्वार पर शिव यंत्र या दुर्गा यंत्र लगाकर उसके ठीक ऊपर हल्का प्रकाश देने वाला लाल रंग का बल्ब जलाना चाहिए। भवन के मुख्य द्वार पर गणेशजी की प्रतिमा या चित्र लगाने से भी यह वास्तु दोष दूर होता है।
यदि भवन में गलत दिशा में कोई भी जल स्रोत हो तो इस वास्तु दोष के कारण परिवार में शत्रु बाधा, बीमारी व मन मुटाव देखने को मिलता है।
इस दोष को दूर करने के लिए उस भवन में ऐसे पंचमुखी हनुमान जी का चित्र लगाना चाहिए, जिनका मुख उस जल स्रोत की ओर देखते हुए दक्षिण पश्चिम दिशा की तरफ हो।
भवन की दीवारों में दरारें होना भी वास्तु दोष है। इसके कारण उस भवन में रहने वाले लोगों के जोड़ों में दर्द, गठिया, साइटिका, पीठ व गर्दन का दर्द होने का अंदेशा रहता है।
इस वास्तु दोष के शमन के लिए दरारों को प्लास्टर कराकर बन्द कर देना चाहिए। यदि किसी वजह से प्लास्टर कराना सम्भव न हो तो दरार को किसी झरना या पर्वत के पोस्टर द्वारा ढ़क देना चाहिए।
Published on:
04 Jul 2017 03:20 pm
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