
नाथपंथ परंपरा के साथ दी समाधि
कोलीड़ा में खाकीजी धाम स्थित गुरूकृपा आश्रम के महंत व श्रद्धानाथ महाराज के शिष्य योगी श्रवणनाथ महाराज का बुधवार को शिवलोक गमन हो गया। सूचना पर संत व भक्तजन आश्रम पहुंचने लगे। आश्रम में भजन कीर्तन होते रहे। दोपहर तक भक्तों का तांता लगा रहा। दो बजे तक श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए गए। सवा दो बजे संत महन्तों व स्त्री पुरूष श्रद्धालुओं की उपस्थिति में समाधि दी गई। फतेहपुर आश्रम के महंत नरहरी नाथ महाराज के सानिध्य में अनेक संतों की उपस्थिति में संत गीतानाथ महाराज द्वारा नाथ पंथ के मंत्रोचारण के नाथ पंथ की परंपरानुसार साथ समाधि दी गई। समाधि कार्यक्रम के दौरान सांसद सुमेधानन्द सरस्वती, टांई आश्रम के सोमनाथ महाराज, लक्ष्मणगढ़ श्रद्धानाथ आश्रम के प्रकाश नाथ महाराज, मुकंदगढ़ आश्रम के चेतननाथ महाराज, अभयनाथ महाराज, गोठड़ा के रामनाथ महाराज, सुजानगढ़ के सरलनाथ महाराज, जयपुर हरमाड़ा के भावनाथ महाराज, सांभर के रमन नाथ महाराज, सिनवाली के शांतिनाथ महाराज, उदासर के दयानाथ महाराज, रूकनसर के कैलाशनाथ महाराज, लक्ष्मणगढ़ के स्मृतिनाथ महाराज, मीरन के मुक्ति नाथ महाराज, खानवा, माजरी व बीकानेर के ब्रहमचारी महाराज, गनेड़ी के निवृति नाथ महाराज, मीरण के मुक्तिनाथ महाराज, मंडावा के गणेश चैतन्य, महेन्द्र फौजी, पूर्व विधायक रतन जलधारी, भाजपा नेता महेश शर्मा, दिनेश जोशी, भंवरलाल जांगिड़, सरपंच शिवपाल सिंह मील, धर्मेन्द्र मील, दिनेश शर्मा, सांवरमल मील, मोहनलाल मील आदि मौजूद रहे।
शिक्षक से बने थे संत
योगी श्रवण नाथ महाराज ने संत श्रद्धानाथ महाराज की प्रेरणा से संत वेश धारण किया। इससे पहले वे लक्ष्मणगढ़ स्थित रघुनाथ विद्यालय गणित के व्याख्याता के रूप में कार्यरत रहे। उन्होंने जामनगर में केन्द्रीय विद्यालय में गणित विषय के प्राध्यापक के तौर पर भी कार्य किया। उन्होंने बसंत पंचमी के दिन सन 2002 में कोलीड़ा खाकीजी की बणी में गुरूकृपा आश्रम की स्थापना की। इसके बाद आश्रम में निरंतर विकास कार्य होते रहे।
Published on:
04 May 2023 05:12 pm
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