1. सीकर से जयपुर हाइवे सबसे ज्यादा वाहन जयपुर हाइवे पर तेज गति में चलते है। पिछले तीन साल में बाजौर स्टैंड के पास 11 लोगों की मौत हो गई। रानोली पुलिया व कोछोर मोड के पास 13 लोगों की मौत हो चुकी है। ठिकरिया मोड पर 13, बोपतपुरा के पास 11 व सरगोठ के पास 17 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा खाटू मार्ग, बावड़ी स्टैंड व सिमारला के पास भी तीन साल 18 लोगों की मौत हो चुकी है।
2. सीेकर से फतेहपुर हाइवे सीकर से फतेहपुर हाइवे पर अधिकतर वाहन गलत दिशा में चलते है। पिछले तीन साल में धोद चौराहे के पास 8 लोगों की मौत, बीकानेर बाइपास व सालासर चौराहे के पास दो साल में 10 लोगों की मौत, हरसावा के पास दो साल में 11, रोहलसाहबसर के पास 9, निमावत स्कूल के पास 6, फतेहपुर में पुलिया पर 9 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा फतेहपुर से आगे भी कई कटों पर 11 लोगों की मौत हो चुकी है।
सडक़ किनारे बैठे आवारा पशु बन रहे काल सीकर से जयपुर व फतेहपुर हाइवे पर सडक़ के दोनों ओर काफी संख्या में जगह-जगह पर आवारा पशु बैठे रहते है। आवारा पशुओं के कारण हाइवे पर बड़ी संख्या में हादसे हो रहे है। 15 दिन पहले ही हिसार से जयपुर जा रहे परिवार की गाड़ी बाजौर के पास आवारा पशु से टकरा गई। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी। रानोली पुलिया पर भी अक्सर आवारा पशु के कारण हादसे होते है। दो बाइक सवार युवकों की टकरा जाने से मौत हो गई थी। नानी चौराहे पर आवारा पशु को बचाते समय कार सीधे बस से टकरा गई। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
वर्ष : मृतक : घायल : हादसे
2018 : 422 : 846 : 837
2019 : 462 : 944 : 992
2020 : 358 : 675 : 788 ब्लैक स्पॉट को समझ कर बदलाव करेंगे
जहां पर भी हादसे अधिक हो रहे है। उन जगहों को चिन्हित कर समझा जाएगा। वहां पर हादसे किस कारण से हो रहे है। ऐसे ब्लैक स्पॉट जहां पर थोड़ा ही बदलाव करना पड़े, वहां पर हादसों को रोकने के लिए जल्दी प्रयास करेंगे। रोड इंजीनियरिंग की समस्या हैं तो विभाग को पत्र लिखकर समस्या का समाधान कराया जाएगा।
कुंवर राष्ट्रदीप, सीकर एसपी