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प्रधानमंत्री मोदी की सभा ने बढ़ाई भाजपा नेताओं की मुसीबत, जानें क्या है पूरा मामला

locationसीकरPublished: Mar 18, 2018 03:47:24 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

शोखावटी के वर्तमान भाजपा विधायकों की मुसीबत कम होती नजर नहीं आ रही है।

rajasthan bjp
जयपुर। शोखावटी के वर्तमान भाजपा विधायकों की मुसीबत कम होती नजर नहीं आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के भीड़ को लेकर किए गए आकलन के बाद अब सभी वर्तमान विधायकों की पर्फोरमेंस पर भी चर्चा होनी शुरू हो गई है।
भाजपा संगठन की जयपुर में हुई बैठक में प्रदेशाध्यक्ष से लेकर संगठन महामंत्री तक ने सीधे तौर पर संकेत दिया है कि प्रर्फोंमेंस के आधार पर ही आगामी विधानसभा में मौका दिया जा सकता है। ऐसे में प्रधानमंत्री की सभी में संख्या में कमजोर रहे विधानसभा क्षेत्रों में दावेदारों के साथ वर्तमान विधायकों की परेशानी बढ़ सकती है। जयपुर में भी हुई सभा को लेकर चर्चा प्रधानमंत्री की सभा में सीकर, चूरु व झुंझुनूं से निर्धारित संख्या से कई गुना भीड़ कम पहुंचने वाले विधानसभा क्षेत्रों पर चर्चा भी हुई।
वहां के भाजपा प्रतिनिधियों के अलावा क्षेत्र में जनता से सीधे जुड़ाव पर भी चर्चा की गई। प्रदेश संगठन की ओर से ऐसे क्षेत्रों में अपने स्तर से यह भी पता करवाया जा रहा है कि भीड़ कम पहुंचने के क्या कारण रहे। इसके अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि के सक्रिय भाजपा पदाधिकारियों की कितनी सक्रियता रही। टिकट के दावेदारों ने पहुंचाया आंकड़ा तीनों जिलों में लंबे समया से भाजपा की टिकट के दावेदार रहे सक्रिय कार्यकर्ताओं ने भी विधानसभावार भीड़ का आंकड़ा जयपुर प्रदेश संगठन तक पहुंचाया।
इसके अलावा यह भी संदेश देने का प्रयास किया गया कि इन क्षेत्र में वर्तमान जनप्रतिनिधि का जुड़ाव कम रहा है। इसके अलावा झुंझुनूं में हुए प्रदर्शन को लेकर भी संगठन में चर्चा की गई है। सीकर, चूरु व झुंझुनूं से विरोध जात रहे संविदा कार्मिकों के बारे में भी पता किया जा रहा है कि वे विधानसभा स्तार पर किस नेता के सम्पर्क में रहे है।
अब तबादले भी बन गए है अग्नि परीक्षा तबादलों से प्रतिबंध हटने के साथ स्थानीय स्तार पर भाजपा विधायकों के पास तबादला करवाने वालों की भीड़ तो बढ़ने लगी है, लेकिन कार्यकर्ता से लेकर क्षेत्र के लोगों की मनचाही जगह पर तबादला करवाना भी विधायकों के लिए अग्नि परीक्षा बन गया है। चुनावी वर्ष होने के कारण जनप्रतिनिधि किसी को नाराज तो नहीं करने के चक्कर में हर किसी को आश्वासन देने से भी बच रहे है।
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