
हमारे युवा अब फिर जाएंगे बॉर्डर पर, प्रदेश के सात लाख बेरोजगारों का इंतजार पूरा
सीकर. कोरोना के बाद से नियमों में उलझी सेना भर्ती रैलियों को केन्द्र सरकार ने अब अग्निपथ के जरिए अनलॉक करने का ऐलान कर दिया है। लेकिन नियमों में बदलाव की वजह से प्रदेश के युवाओं में थोड़ी खुशी और थोड़ा गम है। कई साल से सेना भर्ती रैली की तैयारी में जुटे युवाओं का अब फिर से बॉर्डर पर जाने का सपना पूरा हो सकेगा। प्रदेश के सात लाख सेना भर्ती रैलियों की तैयारी में जुटे है। अकेले सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिले से दो लाख युवा तैयारी में जुटे हैं।
यह बोले तैयारी करने वाले युवा व एक्सपर्ट
शहादत हमारी परम्परा, हम जाएंगे बॉर्डर पर
सेना भर्ती की तैयारी में जुटे आशीष मावलिया व दिनेश कुमार का कहना है कि शेखावाटी के युवाओं ने हर युद्ध में शहादत देने की परम्परा बनाई है। नौकरी सेना के जरिए स्थायी मिले या अस्थाई हम अग्निपथ योजना के जरिए बॉर्डर पर जाने को तैयार है।
सरकार पर नहीं आएगा आर्थिक भार
एक्सपर्ट सोनिया कंवर का कहना है कि सरकार की इस पहल से सरकार पर कोई आर्थिक भार नहीं आएगा। वहीं युवाओं का रूझान भी बढ़ेगा। पिछले तीन साल से युवा सेना भर्ती रैलियों का इंतजार कर रहे थे। अब सरकार ने हरी झंडी दी है। इससे सेना में जवानों की कमी पूरी हो सकेगी। युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिल सकेगे।
ओवरएज अभ्यर्थियों को मिले छूट
अभ्यर्थी बाबूलाल, अभयलाल, रामचंद व भागूलाल का कहना है कि कोरोना के कारण समय पर सेना भर्ती रैली नहीं हो सकी। ऐसे में भर्ती कार्यालय को न्यूनतम एक साल की छूट की प्रावधान करना होगा। युवाओं का कहना है कि जिन क्षेत्रों का सक्सेस रेट ज्यादा है उन क्षेत्रों में ज्यादा सेना भर्ती रैली का आयोजन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि शेखावाटी से उठी बुलंद आवाज के बाद सरकार ने पैटर्न बदलकर घोषणा की है।
और ऐसे समझें फायदे-नुकसान का गणित
परेशानी: जिन 75 फीसदी को निकाला जाएगा, उनका भविष्य क्या
अग्निपथ योजना के जरिए सरकार ने भर्ती पैटर्न को नहीं बदला है। सेवा अवधि को कम किया गया है। अब तक सेना में 17 साल तक भी नौकरी करते थे। लेकिन अब चार साल की सेवा अवधि तय की है। इनमें से सिर्फ 25 फीसदी को नियमित किया जाएगा। ऐसे में सवाल है कि जिन 75 फीसदी को बाहर किया जाएगा उनका चार साल बाद भविष्य क्या होगा।
फायदा: आर्थिक बोझ कम होगा, नया यूथ भी जुड़ेगा
एक्सपर्ट साोनिया कंवर व शंकर बगडिय़ा का कहना है कि इससे सेना का आर्थिक बोझ कम होगा। वहीं अब तक लंबी सेवा की वजह से कई युवा सेना से नहीं जुड़ पा रहे थे। ऐसे युवा भी अब भारतीय सेना में शामिल हो सकेंगे। ऐसा भी नहीं है कि शहादत पर पहले की तरह पूरा सम्मान मिलेगा। सरकार ने आर्थिक पैकेज को भी इस योजना में शामिल किया है।
Updated on:
16 Jun 2022 05:16 pm
Published on:
16 Jun 2022 05:15 pm
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