
MP government will provide books and bags to students of private schools - फोटो- मेटा AI
Rajasthan News: सीकर जिले की सरकारी स्कूलों में इस साल 6 हजार 277 विद्यार्थी घट गए हैं। पिछले साल के 1 लाख 83 हजार 476 के मुकाबले प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग की स्कूलों में इस बार एक लाख 77 हजार 199 बच्चों का ही प्रवेश हुआ है। इनमें 36 हजार 728 विद्यार्थी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक तथा एक लाख 40 हजार 471 विद्यार्थी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों के शामिल है।
खास बात ये है कि नामांकन में 74 फीसदी गिरावट माध्यमिक शिक्षा विभाग की स्कूलों में हुई है। औसत घटत की बात करें तो प्रारंभिक शिक्षा विभाग की प्रत्येक स्कूल से एक व माध्यमिक शिक्षा विभाग की स्कूल से इस बार औसतन छह विद्यार्थी कम हो गए हैं। नामांकन के आंकड़ों से सरकारी व्यवस्था पर फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
पिछले साल प्रारंभिक शिक्षा विभाग की 1119 स्कूलों में कुल नामांकन 38044 व माध्यमिक शिक्षा विभाग की 806 स्कूलों में एक लाख 45 हजार 132 विद्यार्थी प्रवेशित थे। इस बार प्रारंभिक की 1113 स्कूलों में 36728 व माध्यमिक की 807 स्कूलों में प्रवेश की अंतिम तिथि 15 सितंबर के बाद तक एक लाख 40, 471 विद्यार्थियों का ही प्रवेश हुआ है। यानि प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 1316 तथा माध्यमिक शिक्षा में चार हजार 661 विद्यार्थी घटे हैं।
नामांकन गिरने से प्रारंभिक शिक्षा विभाग की स्कूलों का औसत नामांकन अब 33 और माध्यमिक शिक्षा विभाग की स्कूलों में औसत प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या 174 प्रति स्कूल हो गई है। जबकि पिछले सत्र में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में औसतन करीब 34 व माध्यमिक शिक्षा विभाग में प्रति स्कूल 180 विद्यार्थियों का औसतन प्रवेश था।
औसत नामांकन की बात करें तो प्रारंभिक शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा प्रति स्कूल 41 बच्चों का प्रवेश फतेहपुर में और माध्यमिक शिक्षा में 202 विद्यार्थी नीमकाथाना व श्रीमाधोपुर में दर्ज हुए हैं। कुल नामांकन में धोद सबसे आगे व नेछवा सबसे पीछे रहा है। धोद में कक्षा एक से 12 तक की 271 स्कूलों में 20 हजार 90 व नेछवा ब्लॉक में 86 स्कूलों में 6946 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।
सरकारी स्कूलों में सबसे बड़ी कमी अपर्याप्त शिक्षक व उन्हें भी गैर शैक्षिक कार्यों में लगाए रखना है। समय पर स्टाफिंग पैटर्न, डीपीसी, नई भर्ती व तबादले नहीं होने से ज्यादातर स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात बिगड़ा हुआ है। सरकार को स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति व आधारभूत सुविधाओं के साथ ब्लॉक स्तर तक स्कूलों की मॉनिटरिंग की कड़ी व्यवस्था लागू करनी चाहिए। तभी सरकारी स्कूलों में सुधार संभव है।
-रेखाराम खीचड़, सेवानिवृत जिला शिक्षा अधिकारी, सीकर
शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यो में लगाना
स्कूलों में ऑनलाइन कार्यों की भरमार
प्रवेशोत्सव के दौरान शिक्षकों को हरियाळो राजस्थान अभियान में झोंकना
सरकारी स्कूलों में प्राचार्य से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक के 2600 से ज्यादा खाली पद
तय समय पर स्टाफिंग पैटर्न लागू नहीं होना व इससे छात्र-शिक्षक अनुपात बिगड़ना
डीपीसी व तबादले नहीं होने से शिक्षकों में हतोत्साह
स्कूल भवनों का परंपरागत व जर्जर ढांचा व आधारभूत सुविधाओं की कमी
हिंदी माध्यम स्कूलों के प्रति घटता रुझान व परंपरागत ड्रेस कोड
निजी स्कूलों में पढ़ाई को सामाजिक प्रतिष्ठा से जोड़ने की बढ़ती प्रवृति
जिला शिक्षा अधिकारियों के सीमित होते अधिकारों से सरकारी स्कूलों पर घटता नियंत्रण
Published on:
18 Sept 2025 11:55 am
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