
कृषि उपज मंडी में उपज लाने वाले किसानों की उपज अब मौसम की भेंट नहीं चढ़ेगी। मंडी निदेशालय ने प्रदेश की सभी मंडी समितियों को नीलामी चबूतरों को खाली करने के निर्देश दिए हैं। निदेशालय ने मंडी परिसर में बने प्लेटफार्मों पर रखी व्यापारियों के भंडारण को अतिक्रमण मानते हुए सात दिन में अतिक्रमण हटाने को कहा है। इसके साथ मंडी समिति में व्यापारियों में हड़कम्प मच गया है। तय समय में अतिक्रमण नहंीं हटाने पर व्यापारियों के उक्त माल को सीज करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि सीकर जिले में हजारों व्यापारी हर दिन अपनी उपज लेकर मंडी समिति में लाते हैं। प्रतिकूल मौसम की भेंट चढऩे के कारण हर वर्ष लाखों रुपए की उपज भीग जाती है।
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इसलिए दिए आदेश
प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में किसान अपनी उपज लेकर आता है उपज की बोली नहीं लगने पर किसान का माल बजाए प्लेटफार्म पर रखने के खुले आसमान तले रख दिया जाता है। मुख्यालय का मानना है कि व्यापारी ने यदि अमानत पट्टी काट कर भी किसान की फसल को प्लेटफार्म पर रखा हुआ तो वह गलत है। व्यापारी को दुकान का आवंटन करते समय गोदाम भी दिया जाता है। एेसे में कॉमन ऑक्शन प्लेटफार्म पर भंडारण नहीं किया जा सकता है
सभी मंडियों पर लागू इस बारे में डिप्टी डायरेक्टर, कृषि विपणन खंड सीकर करण सिंह राठौड का कहना है कि हाल में यह आदेश प्रदेश की सभी मंडियों के लिए लागू किए गए हैं। मंडी समितियों को इसके लिए निर्देशित कर दिया है। प्लेटफार्मों पर अब किसान का माल ही रहेगा।
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यह है आदेश
कृषि उपज मंडियों में कामन ऑक्शन प्लेटफार्म बनाए जाते हैं जहां किसान की उपज की बोली लगाई जाए और उपज के बिकने पर प्लेटफार्म से सीधे ट्रकों में रवाना कर दी जाए। या खरीदने वाले व्यापारी के गोदाम में भेज दी जाए। सूत्रों के अनुसार निदेशालय स्तर के अधिकारी मंडियों का निरीक्षण कर अतिक्रमण संबंधी जानकारी लेंगे। इस कारण ही मंडी समितियों ने सख्त रुख अपना रखा है।
Published on:
04 Aug 2017 04:56 pm
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