
VIDEO: मां बाप व बेटे का एक ही चिता पर हुआ अंतिम संस्कार, चीत्कारों से दहल उठा गांव
Father and son were cremated on the same pyre in sikar सीकर/पलसाना. पंजाब हादसे सीकर के दो परिवारों को गहरा दर्द दे गया। मृतकों के शव जैसे ही मंगलवार शाम को ठीकरिया गांव पहुंचे तो पूरे गांव में कोहराम मच गया। चिकित्सक व उसके परिवार की मौत पर हर कोई गमजदा था। गांव में शोक की वजह से चूल्हे तक नहीं जले। रींगस इलाके के ठीकरिया निवासी डॉ. सतीश पूनिया उनकी पत्नी सरिता पूनिया और बेटे दक्ष का मंगलवार शाम को गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। शाम साढ़े पांच बजे तीनों मृतकों के शव एंबुलेंस से घर पहुंचे। तीनों के शवों को देखकर परिजन सुध बुध खो बैठे। रह रहकर घर से उठती चीत्कारें दहलाने लगी। आसपास के लोग परिजनों को संभालते रहे। बाद में तीनों की अर्थी एक साथ घर से विदा हुई और पति पत्नी और बेटे सहित तीनों शवों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। भतीते विक्रम ने मुखाग्निी दी। वहीं साले के परिवार के सदस्यों का अंतिम संस्कार उसके गांव में हुआ। इधर, पंजाब में दो मासूमों को नहर में तलाशने के लिए मंगलवार को दिनभर रेसक्यू ऑपरेशन जारी रहा। लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लगा। हादसे के बाद परिजन सीकर से सोमवार को ही रवाना हो गए थे। मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद पांच शवों को लेकर सीकर रवाना हुए थे।
मां करने लगी बेटे को देखने की जिद
तीनों मृतकों के शव जैसे ही शाम को घर पहुंचे घर में कोहराम मच गया और वहां मौजूद हर किसी की आंख में आंसू निकल पड़े। मृतक डॉक्टर सतीश पूनिया की मां मनोहरी देवी भी इस दौरान सुध बुध खो बैठी और बेहोश हो गई। काफी देर तक तो उसे होश ही नहीं आया बाद में जैसे ही उसे होश आया तो बेटे का चेहरा देखने की जिद करने लगी। इसके बाद परिजन उसे तीनों शवों के पास ले कर गए और दूर से ही दर्शन करवा कर वापस ले गए। इसके बाद में फिर से बेहोश हो गई। जिसे अन्य परिजन और महिलाएं बार-बार पानी पिलाकर होश में लाने का प्रयास कर रही थी। इससे पहले मां को नींद की गोली खिलाकर सुला दिया था। जैसे ही नींद खुलती वह फिर रोते-रोते बेसुध हो जाती।
पिता हुए गुमसुम
बेटा बहू और पोते का शव एक साथ घर पहुंचे तो पिता प्रभु दयाल पुनिया भी गुमसुम हो गए। उनके मुंह से ना कोई शब्द निकल रहा था और ना ही वह कुछ बोल पा रहे थे बस सुबह रहे थे और अपनी किस्मत को कोस रहे थे।
गुडिय़ा का नहीं मिला शव
हादसे में डॉक्टर सतीश पूनिया की बेटी गुडिय़ा की भी मौत हो गई। लेकिन उसका शव बरामद नहीं हो सका है ऐसे में तीन सब ही घर पहुंचे। अभी गुडिय़ा के शव की तलाश की जा रही है। शवों को देखकर दादी बार-बार यही कह रही थी मेरी पोती को कहां छोड़ आए।
पूरा परिवार ही हुआ खत्म
डॉ. सतीश पूनिया तीन भाइयों में सबसे छोटा था और वह पहले सेना में डॉक्टर थे। वर्तमान में चिकित्सा विभाग में रींगस सीएससी में तैनात हुए। उसका बड़ा भाई ओम प्रकाश दिल्ली पुलिस ने एएसआई है। वही मझला भाई जयप्रकाश अध्यापक है और ठीकरिया स्कूल में ही पदस्थापित है। हादसे में डॉ. सतीश पूनिया उनकी पत्नी बेटा और बेटी चारों की मौत हो गई ऐसे में पूरा परिवार ही खत्म हो गया।
नियति को कोसते रहे लोग
अंतिम संस्कार के समय सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे। इस दौरान हर किसी के चेहरे पर एक मायूसी थी और जुबां से बस एक ही बात निकल रही थी वह थी कि भगवान ने ऐसा क्यों किया। पूरे परिवार को ही एक साथ खत्म कर दिया लोग नियति को कोस रहे थे।
जनप्रतिनिधि भी हुए अंतिम यात्रा में शामिल
शाम को अंतिम संस्कार में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, पूर्व चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर बाजिया, कांग्रेस नेता सुभाष मील सहित कई जनप्रतिनिधि और आसपास के ग्रामीण शामिल हुए। सांसद हनुमान बेनीवाल सहित कई जनप्रतिनिधियों ने घटना पर शोक जताया है।
सोमवार को था जन्मदिन, इसलिए कल लौटने का था इंतजार
सोमवार को डॉक्टर के बड़े भाई के बेटे का जन्मदिन था। इसलिए इस कार्यक्रम में शरीक होने के लिए वह सोमवार सुबह ही पंजाब से रवाना हो गए थे। डॉक्टर की पत्नी ने वाट्सएप पर जन्मदिन का स्टेट्स भी लगाया था। ग्रामीणों ने बताया कि लगातार तीन छुट्टी आने पर घूमने का कार्यक्रम बनाया था।
Published on:
20 Apr 2022 11:01 am
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