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फिर होगा गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर !

सबको पता है आनंदपाल का एनकाउंटर 24 जून 2017 को चूरू जिले के रतनगढ़ तहसील के गांव मालासर में हो चुका है।

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सीकर. फिर होगा आनंदपाल का एनकाउंटर! ये शीर्षक पढ़कर चौंकिएगा नहीं। सबको पता है कुख्यात बदमाश आनंदपाल सिंह का अब जिंदा नहीं है। उसका एनकाउंटर हो चुका है। 24 जून 2017 को चूरू जिले के रतनगढ़ तहसील के गांव मालासर में आनंदपाल का अंत हुआ था।

मालासर के श्रवण सिंह के घर में छुपे आनंदपाल का राजस्थान व हरियाणा पुलिस की स्पेशल टीम ने रात करीब 11 बजे एनकाउंटर किया था। उसी समय से आनंदपाल के परिजनों ने एनकाउंटर पर सवाल उठा दिए थे। बाद में परिजनों की मांग पर पूरा मामला सीबीआई का सौंप दिया गया।

CBI की विशेष टीम छह जनवरी 2018 से चूरू जिले में डेरा डाले हुए हैं और Anandpal Encounter मामले की पड़ताल में जुटी हुई है। सीबीआई अब तक इस मामले में करीब 250 लोगों से पूछताछकर उनके बयान दर्ज कर चुकी है। इनमें राजस्थान, हरियाणा पुलिस, राजपूत समाज के नेता, आनंदपाल सिंह व मालासर के श्रवण सिंह के परिजन भी शामिल हैं।

सीबीआई के डीएसपी सुनीलसिंह रावत ने बताया कि मामले की जांच शुरू करने से पहले मौके से कई साक्ष्य उठाए गए थे, जिनकी दिल्ली और बीकानेरजयपुर की प्रयोगशालाओं में जांच करवाई गई है। दिल्ली से सीएफएसएल की रिपोर्ट आ चुकी है। बीकानेर व जयपुर की एफएसएल रिपोर्ट आनी बाकी है।



आनंदपाल का एनकाउंटर करने वाली टीम वापस आएगी मालासर

सीबीआई के डीएसपी सुनीलसिंह रावत के अनुसार दोनों प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट आ जाने के बाद गांव मालासर में एक बार फिर से आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर का क्राइम सीन तैयार किया जाएगा। जिसमें एनकाउंटर के समय मौजूद राजस्थान, हरियाणा, एसओजी व एटीएस के सभी अधिकारी व जवान उपस्थित होंगे। इसके अलावा सीएफएसएल टीम भी मौके पर मौजूद रहेगी। वहीं एनकाउंटर के दौरान एपी के पास मिले हथियार व पुलिसकर्मियों के हथियार व कारतूस आदि को एफएसएल जांच के लिए भिजवाया गया है।


मां व एसपी के भी लिए बयान

सीबीआई के डीएसपी रावत के मुताबिक मई 2018 में ही सीबीआई ने डीडवाना में आनंदपाल की मां, मामा व ससुराल पक्ष के लोगों से काफी समय तक पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं। इसके अलावाचूरू एसपी राहुल बारहट से पूछताछ के बाद बयान दर्ज किए गए हैं। हालांकि आनंदपाल सिंह पत्नी राज कंवर के बयान दर्ज नहीं हुए हैं।


आनंदपाल की फरारी से एनकाउंटर तक की स्टोरी

-आनंदपाल नागौर जिले की लाडऩूं तहसील के गांव सांवराद का रहने वाला था। पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ा और जीता। प्रधान का चुनाव हारा।
-धीरे-धीरे आनंदपाल अपराध की दुनिया में आ गया। जेल हुई। सितंबर 2015 को परबतसर में पेशी के दौरान पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया।
-राजस्थान पुलिस ने आनंदपाल की तलाश में एडी-चोटी तक का जोर लगा दिया। नहीं मिला तो उस पर 5 लाख ईनाम भी रखा।
-24 जून 2017 का पुलिस को इत्तला मिली कि आनंदपाल चूरू जिले के गांव मालासर में श्रवण सिंह के घर छुपा हुआ है।
-राजस्थान और हरियाणा पुलिस की विशेष टीम ने रात को श्रवण सिंह के दबिश दी और आनंदपाल का एनकाउंटर कर डाला।
-25 जून को रतनगढ़ के राजकीय अस्पताल अस्पताल में मेडिकल बोर्ड की ओर से शव का पोस्टमार्टम किया गया था।
-उसके बाद एक जुलाई को चूरू के राजकीय डेडराज भरतिया अस्पताल में मेडिकल बोर्ड की टीम से आनंदपाल सिंह के शव का दुबारा पोस्टमार्टम किया गया था।
-दो जुलाई की सुबह पुलिस जाप्ते की मौजूदगी में गांव सांवराद में आनंदपाल के परिजनों को उसका शव सौंप दिया गया था।
-परिजनों ने आनंदपाल के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए कई दिन तक उसका दाह संस्कार नहीं किया।
-राजपूत व रावणा राजपूत समाज की मांग के बाद 24 जुलाई 2017 को राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भेजकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
- 15 नवंबर 2017 को सीबीआई ने जांच से इंकार कर दिया था। इसके बाद 17 दिसम्बर 2017 को राज्य सरकार ने फिर से रिमाइंडर भेजा।
-इस बार के रिमाइंडर में राजस्थान में कानून व्यवस्था बिगडऩे का हवाला दिया गया।
-26 दिसम्बर 2017 को यह साफ हो गया था कि आनंदपाल मामले में जांच सीबीआई की ओर से की जाएगी।
-छह जनवरी 2018 को सीबीआई ने मालासर में एनकाउंटर व सांवराद में उपद्रव को लेकर तीन मामले दर्ज किए थे।
-इस मामले में सीबीआई की जांच अभी जारी है।