
सीकर. शेखावाटी क्षेत्र में पिछले दो दिन से कडाके की ठंड ने लोगों की धूजणी छूटा दी है। फसलों और वाहनों पर पर सुबह बर्फ की हल्की चादर नजर आई। कई स्थानों पर घना कोहरा छाया। फतेहपुर कृषि अनुसंधान को न्यूनतम पारा माइनस 0.8 डिग्री दर्ज किया गया। अलसुबह छाए कोहरे के कारण राजमार्गों पर 10 फीट की दूरी तक कुछ साफ नजर नहीं आ रहा था। इस दौरान उत्तर पूर्वी हवाएं चलने से मौसम के तेवर फिर तीखे हो गए हैं और सर्दी का मिजाज बिगड़ गया। सुबह टंकियों के बर्फीले पानी के कारण हाथ धोना तो छूना दुश्वार हो गया।
दोपहर में गलन भरी सर्दी के कारण दुपहिया वाहन खासे परेशान रहे। हवा चलने से मौसम का मिजाज बदल गया। शाम को जैसे-जैसे सूरज अस्तांचलगामी हुआ। वैसे ही ठंडक बढ़ गई। रात को ठिठुराने वाली सर्दी रही। तापमान में गिरावट के साथ ही बाजारों में शाम सात बजे से सन्नाटा पसरने लगा। फतेहपुर कृषि अनुसंधान केन्द्र पर न्यूनतम तापमान माइनस 0.8 डिग्री तक पहुंच गया।
ठिठुर गया जीवन, सर्दी से बचाव में जुटे
सर्दी के साथ ही बाजारों में शाम सात बजे से सन्नाटा पसरने लगा। पशुपालक अपने मवेशियों को सर्दी से बचाने की जुगत में लगे हुए हैं। घरों में बुजुर्गों की सर्दी से बचाव के लिए विशेष देखभाल की जा रही है। दो -तीन गर्म कपडे पहने के ाद भी लोगों को सर्दी से राहत नहीं मिली।
सिंचाई की बचत
मौसम में आए परिवर्तन का सीधा फायदा किसानों को होगा। पिछले चार दिन से मध्यरात्रि बाद ओस व कोहरे की चादर रबी की छोटी फसलों के लिए अमृत वर्षा है। किसानों ने बताया कि ओस रूपी बरसात होने के कारण खेतों में रबी की फसलों को भरपूर फायदा होगा।
अब पाले का खतरा
सरसों की फसल में इस दाने बननेे की प्रक्रिया चल रही है। सिंचाई वाले खेतों में पानी जमने के बाद चलने वाली हवाओं की चपेट में आने से पाला गिरने का खतरा मंडरा रहा है। फाल बनने की अवस्था में चना पर पाला गिरने से उत्पादन गिर जाएगा। किसान श्रवण बुरडक़, रामकुमार बाजिया व दिलीप बलाई ने बताया कि हल्का पाला गिरने से रबी का उत्पादन प्रभावित होगा। वहीं मौसम में आए बदलाव को देखते हुए फसलों की सिंचाई नहीं करने पर उत्पादन और भी प्रभावित होगा।
Published on:
18 Dec 2017 10:06 am
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