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अब घर पर ही आएंगे ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी, नहीं जाना होगा RTO, आपको बस करना होगा ये काम

अब वाहन का लाइसेंस लेने और वाहन के पंजीयन प्रमाण पत्र के लिए पविहन विभाग के चक्कर लगाने से निजात मिल जाएगी।

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अब वाहन का लाइसेंस लेने और वाहन के पंजीयन प्रमाण पत्र के लिए पविहन विभाग के चक्कर लगाने से निजात मिल जाएगी।

अब घर पर ही आएंगे ड्राइवरिंग लाइसेंस और आरसी, नहीं जाना होगा आरटीओ, आपको बस करना होगा ये काम

सीकर.

अब वाहन का लाइसेंस लेने और वाहन के पंजीयन प्रमाण पत्र के लिए पविहन विभाग के चक्कर लगाने से निजात मिल जाएगी। वजह परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीयन आरसी को लेकर नई व्यवस्था शुरू करने जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत प्रदेश में वाहनों की आरसी व ड्राइविंग लाइसेंस डाक से भेजे जाएंगे। ये लाइसेंस-आरसी जयपुर में एक ही जगह प्रिंट होंगे। यहां से कंपनी के माध्यम से संबंधित आवेदक को उसके घर पर डाक से भेजे जाएंगे। विभाग के जयपुर कार्यालय में रिकॉर्ड रूम में कंपनी को परिसर में जगह दे दी गई है। डाक से वाहन लाइसेंस व आरसी भेजने की जिम्मेदारी टेंडर के माध्यम से एमटेक इनोवेशन कंपनी को दी है।


ऐसे एकत्रित होगा डाटा
प्रदेश में परिवहन विभाग के 12 आरटीओ और 52 डीटीओ कार्यालय एक-दूसरे से जुड़ चुके हैं। इन ऑफिसों में बनने वाले वाहन लाइसेंस व आरसी का डाटा सर्वर के माध्यम से एक जगह एकत्रित होगा। सेंट्रलाइज्ड डाटा को कंपनी के माध्यम से लगाए जाने वाले सेटअप पर दर्ज किया जाएगा। इसके बाद कंपनी डाक से भेजेगी।


फायदा के साथ नुकसान भी
नया लाइसेंस बनवाने या वाहन के पंजीयन के दौरान आवेदक या दलाल फर्जी किराएनाम के आधार पर पता तो लिख दिया जाता था लेकिन कई बार जांच करने पर पता चलता है कि इस पते पर दूसरा व्यक्ति रहा है। ऐसे में जांच प्रभावित होती है। इसके अलावा पुरानी व्यवस्था के तहत आरसी और लाइसेंस बनने के बाद दलाल अपने पास ही लाइसेंस रख लेते है। जिसे संबंधित से पूरे पैसे वसूलने के बाद ही लौटाते हैं। अधिकारियों की माने तो आवेदन के समय लिखे पते में मामूली सी गलती होगी तो लाइसेंस या आरसी वापस कंपनी के पास चली जाएगी। जिससे इन्हें वापस लेने में लोगों को कंपनी के अधिकारियों के पास चक्कर लगाने होंगे। साथ ही डाक में होने वाली देरी के कारण ग्रामीण खासे परेशान होंगे।

परिवहन विभाग के कार्यालय एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। आरसी और लाइसेंस को डाक से भेजने की प्रक्रिया पहले चरण में जयपुर में शुरू होगी। दूसरे चरण में सीकर जिला शामिल है। इसके लिए मुख्यालय से कवायद हो रही है। -ज्ञानदेव विश्वकर्मा, आरटीओ सीकर