
पत्रिका टॉक शो : नीमकाथानावासी बोले, मिले पूरा हक तो लगे उम्मीदों को पंख
नीमकाथाना. सीकर व झुंझुनूं की दो-दो तहसीलों को तोड़कर नीमकाथाना नया जिला बनाने से यहां की जनता की उम्मीदों के पंख लग गए हैं। अब उन्हें जिला के विकास की उम्मीद है। अभी यहां के हाल बेहाल है, जिला स्तरीय विभागों के लिए भवन नहीं है ना ही सरकार ने अभी तक जिला स्तरीय विभागों को जमीन आंवटन की प्रक्रिया शुरू की है। कई विभाग अभी भी मूल जिलों में होने पर आमजन को सीकर या झुंझुनूं के ही चक्कर लगाने पड़ रहे है। समय के साथ बढ़ती आबादी और जरूरतों को देखते हुए शहरवासी कई वर्षों से पालिका को परिषद बनाने की मांग कर रहे थे। जिला बनने से परिषद तो बन गई लेकिन शहर में जिस तेजी से विकास कार्य कराने की जरूरत है, उसके हिसाब से काम नहीं हो पा रहे है। शहरवासी चाहते थे कि यहां नगर पालिका को परिषद बना दिया जाए, इससे ग्रांट बढ़ेगी तो विकास भी होगा। राजस्थान पत्रिका के स्थापना दिवस के तहत बुधवार को शहर की चाणक्य संकुल एजुकेशन इंस्टीट्यूट में नीमकाथाना जिला के विकास को लेकर हुई परिचर्चा में आमजन ने विचार रखे। लोगों का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार ने नीमकाथाना को जिला तो बना दिया, लेकिन अभी तक जिला पूरी तरह से अपना मूर्त रुप नहीं ले पाया है। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को पूरे अधिकार दिए जाएं। जिला स्तरीय सभी विभाग यहां शुरू किए जाएं ताकि आमजन को सीकर व झुंझुनूं के चक्कर नहीं काटने पड़े।
ये बोले शहरवासी.....
नीमकाथाना जिला के विकास कार्यों की बात करें तो हमें पता चलता है कि वर्तमान में सबसे मुख्य चिकित्सा व्यवस्था है, जो ठीक है। अधिकतर पदों पर डॉक्टर कार्यरत है। ओपीडी अधिक होने के कारण थोड़ी अव्यवस्था जरुर हो रही है। इससे मरीजों का समय रहते दिखाने में नंबर नहीं आने से उनको मजबूरी में चिकित्सकों के घर पर दिखाना पड़ता है।
रोहिताश कृष्णिया
जिला बनने से नीमकाथाना में खूब विकास कार्य हुए है, लेकिन सीवरेज प्रोजेक्ट स्वीकृति को लेकर आमजन अभी भी उम्मीद लगाए बैठे है। पुलिस व्यवस्था पर जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए।
अशोक कुमार
नीमकाथाना जिला की पहचान खनन से होती है। यहां सैंकड़ों क्रेशर व खान है, जिनसे हजारों लोग अपना जीवन यापन कर रहे है। औद्योगिक विकास को लेकर सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। नये रीको बनेंगे तो बेरोजगारों को रोजगार मिलने के रास्ते खुलेंगे।
राजेश जीतरवाल
नव गठित नीमकाथाना जिले में कोचिंग संस्थाओं के लिए अलग से स्थान चिन्हित करना चाहिए। क्षेत्र प्राकृतिक व ऐतिहासिक रूप में समृद्ध है, जो पर्यटन क्षेत्र के लिए अहम है। सरकार इस ओर ध्यान दे तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
बलबीर थैबड़
जिला बनने के बाद सबसे पहले यहां नगर परिषद विस्तार की जरूरत है, जो कस्बे के निकट गांव स्थित है उनको परिषद में शामिल किया जाना चाहिए। ताकि ग्रामीणों को भी शहर की व्यवस्थाओं का फायदा मिल सके।
देशराज कसवा
जिला बनने के बाद यातायात तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन शहर में अभी तक शहरी सरकार की ओर से पार्किंग की व्यवस्था नहीं करने से वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। प्रशासनिक अधिकारियों को आमजन की इस समस्या पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
सुरेंद्र कुड़ी
जिला स्तरीय कार्यालय अधिकतर नीमकाथाना हैडक्वार्टर पर संचालित हो रहे है, लेकिन कुछ प्रशासनिक कार्यालय अभी भी मूल जिला सीकर व झुंझुनं में ही संचालित होने से लोगों को नीमकाथाना जिला का पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है। सरकार जल्द ही जिला स्तरीय सभी कार्यालयों को नीमकाथाना में खुलवाएं।
संगीता शर्मा
जिले में संचालित महाविद्यालयों में समय-समय पर कैरियर काउंसलिंग सेमिनार होने चाहिए, जिससे महिलाओं का भय दूर हो। जिले में महिला थाना खुलने की भी काफी जरूरत है।
उषा सैनी
सभी क्षेत्रों में सार्वजनिक संस्थलों पर सीसीटीवी कैमरें लगाए जाए, जिससे अपराध कम होगा व महिलाएं सुरक्षित रहेगी। कई बार घटना होने के बाद अपराधियों को पकडऩे में पुलिस को सीसीटीवी से खूब सहायता मिलती है।
अनिता सैनी
नवगठित नीमकाथाना जिला में लगभग सभी स्तर के शिक्षण संस्थान है, इनमें एक नर्सिंग कॉलेज ओर खुलने की आवश्यकता है। नए जिले में शिक्षा के क्षेत्र में सरकार को कदम उठाने चाहिए।
किरण मीणा
नवगठित नीमकाथाना जिले में औद्योगिक विकास की रफ्तार में व्यापारियों को सरकार के साथ की जरूरत है। यहां नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने चाहिए।
आशा मीणा
जिले में धार्मिक व प्राकृतिक पर्यटन की अनुकूल सम्भावनाएं है। इनको भी विकसित किया जाना चाहिए। गणेश्वर तीर्थधाम को विकसित करने से यहां दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं मिल सके।
शिवानी यादव
Published on:
07 Mar 2024 10:53 am
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