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गलत काम करने से सास ने किया मना तो बहू हो गई तैयार, हर माह की कमाई 2 लाख रुपए

locationसीकरPublished: Aug 18, 2018 11:41:27 am

Submitted by:

vishwanath saini

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सीकर. सीकर में पिछलों दिनों हुई कारवाई के दौरान भ्रूणलिंग जांच करवाने के आरोप में पकड़ी गई दलाल सरकारी नर्स सरोज देवी वर्ष 2008 से इस धंधे में लिप्त थी। गत दो साल से अवैध सोनोग्राफी मशीनों द्वारा भ्रूणलिंग जांच करने वाले नेटवर्क से जुड़कर प्रतिमाह 10 से 12 गर्भवती महिलाओं की जांच करवाती थी, जिससे हर महीने 2 लाख रुपए से अधिक की अवैध कमाई होती थी।

 

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खास बात यह है कि सरकारी नर्स सरोज ही नहीं बल्कि उसकी सास मंजू देवी भी यह काम करती थी। मंजू देवी लक्ष्मण्गढ़ ब्लॉक के खेड़ी सब सेंटर पर कार्यरत है। वो भी भ्रूणलिंग जांच करवाने का काम लगातार करती रही है, लेकिन पीसीपीएनडीटी सैल की टीम द्वारा सम्पर्क करने पर इस बार उसने भ्रूणलिंग जांच करने के लिए मना कर दिया था जबकि उसकी बहू आरोपी सरोज देवी ने हामी भर दी।

जांच के दौरान सामने आया कि दलाल सरकारी नर्स सरोज सीकर जिले की करीब 33 सरकारी नर्सों के सम्पर्क में हैं, जिनके माध्यम से भ्रूणलिंग जांच करवाने वाली गर्भवती महिलाओं को अपने पास बुलाती तथा भू्रणलिंग जांच करवाने के लिए जांच के आरोप में पकड़े गए आरोपी निर्मल महला के पास भेजती थी।

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पैसे का लेन-देन अधिकतर समय स्वयं ही करती थी। कभी कभार किसी दूसरे व्यक्ति को पैसे दिलवाती थी, लेकिन पैसे हमेशा लिफाफे में ही लेती थी। दलाल सरकारी नर्स सरोज ने जांच में बताया कि इस घटना के मुख्य सरगना निर्मला महला को 10-12 वर्ष से जानती है तथा वह उनके दूर का रिश्तेदार भी है।

भू्रणलिंग जांच का मुख्य आरोपी निर्मल महला पूर्व में पीसीपीएनडीटी सैल द्वारा पकड़े जाने के बाद जमानत पर आते ही नई चाइनीज अवैध पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन खरीद ली। निलंबन के दौरान आरोपी निर्मल महला झुंझुनूं के सीएमचओ कार्यालय में सप्ताह में एक बार हाजरी रजिस्टर में साइन करने के लिए जाता था बाकि समय ***** जांच करने में सहयोग करने वाले सरकारी नर्सों को ही खोजता रहता था।

जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी निर्मल महला सरकारी नर्सों के माध्यम से ही गर्भवती महिलाओं की जांच करने का कार्य करता था। अधिकतर सरकारी नर्सों को जांच के लिए आरोपी नर्स सरोज के पास ही भेजता था और सरोज के माध्यम से ही भू्रणलिंग जांच के कार्य को अंजाम देता था।

ऐसे काम करता है यह गिरोह

-आरोपी निर्मल महला ने पूछताछ में बताया कि सीकर, झुंझुनूं, चूरू व नागौर की करीब 75 सरकारी नर्सों से उसके सम्पर्क है।
-जिनके माध्यम से ही भू्रणलिंग जांच करने वाली महिलाओं को सीकर बुलाता है या स्वयं गाड़ी लेकर उनके बताए उचित व सुरक्षित स्थान पर ले जाकर भू्रणलिंग जांच करता है।
-आरोपी निर्मल महला ने बताया कि सीएमएचओ कार्यालय झुंझुनूं में हाजरी करने के दौरान भी दो सरकारी नर्सों से सम्पर्क हुआ।
-उन दोनों सरकारी नर्सों के द्वारा भी झुंझुनूं की गर्भवती महिलाओ की भू्रणलिंग जांच करवाई जाती रही है।
-आरोपी से पूछताछ में सामने आया कि प्रत्येक महिने 20 से 30 महिलाओं की जांच करता था।
-प्रत्येक जांच के 20 हजार से 25 हजार रुपए लेता था अर्थात प्रतिमाह 5 से 6 लाख रुपए की अवैध कमाई होती थी।
-भू्रणलिंग जांच में लड़की होने पर गर्भपात का कार्य भी कमीशन लेकर चिन्हित डॉक्टरों के पास भेजता था।
-आरोपी ने बताया कि अवैध सोनोग्राफी मशीन खरीदने से पूर्व भी गर्भवती महिलाओं की भू्रणलिंग जांच अवैध सोनोग्राफी मशीनों से जांच करने वाले सरगनाओं से भू्रणलिंग जांच करवाता था।
-आरोपी सीताराम सीकर कल्याण अस्पताल एम्बुलेसों के ड्राईवर, मेडिकल स्टोर, लैब व अन्य मेडिकल से जुड़े लोगों से सम्पर्क कर गर्भवती महिलाओं को जांच करने के लिए आरोपी निर्मल महला के पास लाता था।
-आरोपी सीताराम स्वयं की गाड़ी लेकर गर्भवती व सहयोगी महिलाओं को लाने ले जाने का काम करता था।
-आरोपी सीताराम ने बताया कि निर्मल महला के साथ गत कई माह से जांच करने का काम कर रहा है जिससे बहुत अच्छी आमदनी होने लगी है।
-अच्छी आमदनी के कारण ही आरोपी सीताराम ने दो अन्य जगह किराये के मकान ले रखे है जिन पर अलग-अलग समय जांच करने का काम करते रहे हैं।

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