
प्रभाष नारनोलिया, लक्ष्मणगढ़ सीकर। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी जंग के बीच फंसे भारतीयों की सुरक्षित देश वापसी की मुहिम शुरू हो गई है। ऑपरेशन अजय के तहत 212 भारतीयों को लेकर पहला चार्टर प्लेन शुक्रवार को भारत पहुंचा। इनमें सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ की 24 वर्षीया शोध छात्रा आंचल चौधरी भी शामिल रही। लक्ष्मणगढ़ पहुंची आंचल ने पत्रिका से इजरायल में अपने अनुभव के बारे में बताया। आंचल ने बताया कि बुधवार दोपहर को आंचल के शोध केन्द्र के पास ही हुए धमाके के बाद उनके सहित सभी विदेशियों को बंकर में शिफ्ट कर दिया। बंकर में हर दस मिनट में आर्मी ऑफिसर पूछते रहे कि आपको कोई दिक्कत तो नहीं है। इजरायल की आर्मी की यह सुरक्षा की भावना लोगों के दिलें को छू गई।
न्यूरो साइंस शोधकर्ता है आंचल
आंचल इजरायल में न्यूरो साइंस रिसर्चर है और इजरायल के वेस्ट साइड स्थित एरियल लैब में जून 2023 से ब्रेन न्यूरो पर रिसर्च कर रही है। आंचल के पिता डॉ. प्रदीप कुमार लक्ष्मणगढ़ स्थित क्रय-विक्रय सहकारी समिति के महाप्रबंधक और मां विमला महरिया क्षेत्र की साहित्यकार व सरकारी शिक्षिका हैं।
एप के जरिए अलर्ट, खाने-पीने की कोई समस्या नहीं
आंचल ने बताया कि वहां की सेना काफी हाईटेक है। वहां हर नागरिक के मोबाइल में कई एप इंस्टॉल होते है। इन एप के जरिए मिसाइल अटैक से लेकर हर हमले की जानकारी पहले ही मिल जाती है। इसके जरिए उनको इतना समय मिलता है जिससे वह बंकरों तक पहुंच सके। युद्ध के दौरान किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। उन्होंने बताया कि युद्ध की वजह से एक महीने तक कक्षाएं स्थगित कर दी है।
भारतीयों से है विशेष लगाव
आंचल ने बताया कि वहां के लोग भारतीयों से एकदम परिवार के सदस्य जैसा व्यवहार करते हैं। जब हमारा दल इजरायल से रवाना हो रहा था तो वहां के परिचित हमें सुरक्षित व प्रसन्नतापूर्वक यात्रा एवं घरवापसी की दुआएं दे रहे थे।
Updated on:
14 Oct 2023 01:07 pm
Published on:
14 Oct 2023 01:01 pm
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