
इस अनोखी शादी के साक्षी बने गांव वाले, दूल्हा-दुल्हन को दिया आर्शीवाद, जानिए क्यो
फतेहपुर.
कस्बे में शंकरलाल धानुका आदर्श विद्या मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का रविवार को समापन हुआ। कथावाचक पं. सुशील मिश्रा ने कहा कि भागवत कथा की बातों को जीवन में उतारना चाहिए। कथा सुनने वाले के जीवन का उद्धार हो जाता है। भागवत कथा में जीवन का सार है। श्रीकृष्ण रुक्मणि विवाह, शिशुपाल वध आदि प्रसंगों पर प्रवचन किए। उन्होंने श्रीकृष्ण सुदामा की मित्रता के बारे में बताया। कंस वध और शिशुपाल वध की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि भगवान हर अधर्मी का संहार करते हैं और जो प्रभु से दुश्मनी रखता है, उसका अंत निश्चित है। श्रीकृष्ण रुक्मणि विवाह पर बारात निकाली गई और झांकी सजाई गई। महिलाओं ने मंगल गीत गाए और बधाइयां बांटी। इस अवसर पर राजकुमार भोजक, रविशंकर, दानमल, रमेश भोजक, बाबूलाल, मून भोजक, बंटी भोजक, भवानी आदि उपस्थित थे।
मनुष्य को मृत्यु के भय से मुक्त कर देती है भागवत
शिश्यूं. क्षेत्र के विनायक स्कूल मेंं सोमवार को ग्रामवासियों के सान्निध्य में पं. गोपाल कृष्ण महाराज के ने श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर गणेश हनुमान मंदिर से कलश यात्रा निकाली गई जिसमें 551 महिलाएं गाजे बाजे के साथ मंगल गीत गाती हुइ कथा स्थल पहुंची। जो धर्म सभा में तब्दील हो गई। गोपाल कृष्ण महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य को मृत्यु के भय से मुक्त कर देती है। जिन पर परमपिता परमेश्वर की विशेष कृपा दृष्टि होती है, वही कथा मण्डप में पहुंचकर श्रवण कर सकते हंै। जीव ईश्वर का स्वरूप होते हुए भी ईश्वर को पहचानने का प्रयत्न नहीं करता है। इसी कारण उसे आनन्द की प्राप्ति नहीं होती है। श्री गोपाल बड़ा मंदिर के महंत मनोहर शास्त्री ने कहा श्रीकृष्ण का साक्षात् श्रीविग्रह है भागवत। इस पावन अवसर पर जमनलाल सैनी, सुरेन्द्र मिश्रा, मनोज टेलर, कथा के मुख्य यजमान गिरधारीलाल कुमावत, रामचन्द्र सेनी,विनोद कुमार सांगरवा, कानाराम, धर्मवीर, राकेश कुमावत सहित गांव के सैकड़ों लोग मौजूद थे।
Published on:
12 Jun 2018 01:35 pm
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