
आनंदपाल भले ही चूरू में पकड़ा गया हो लेकिन इस पूरे ऑपरेशन के हीरो सीकर के जांबाज लाड़ले ही रहे। सीकर के रहने वाले अफसरों व जवान ने ही इस पूरे ऑपरेशन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये सभी अधिकारी दूसरी जगह तैनात है।
आईपीएस नरेंद्र बिजारणिंया
मूल रूप से सीकर के चंदपुरा गांव के रहने वाले हैं और फिलहाल हरियाणा काडर में आईपीएस हैं। बिजारणियां सिरसा में प्रशिक्षु आईपीएस हैं और शुरू से लेकर आखिर तक हर कार्रवाई में राजस्थान पुलिस के साथ रहे। इन्होंने ही रुपेंद्र पाल उर्फ विक्की और गट्टू को पकड़वाया और फिर खुद के साथ पूरी कमांडो फोज लेकर मालासर आए। यहां भी पूरे ऑपरेशन में साथ रहे।
आरपीएस विद्याप्रकाश
मूल रूप से पिपराली गांव के रहने वाले विद्याप्रकाश वर्तमान में नागौर में कुचामन डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं। जब से आनंदपाल फरार हुआ तभी इनको एसओजी व एटीएस के साथ ही उसे पकडऩे का टास्क दिया हुआ था। गोल्या उर्फ सुनील की सूचना से लेकर सुरेंद्र उर्फ प्रधान को पकडऩे तक की पूरी कार्रवाई इन्हीें की टीम ने की थी। आखिर तक इस ऑपरेशन में लगे रहे।
कांस्टेबल: सोहन सिंह
सोहन सिंह भी पिपराली गांव के ही रहने वाले हैं और आरपीएस विद्याप्रकाश के पड़ौसी हैं वर्तमान में ईआरटी टीम में तैनात हैं और करीब 15 दिन से एसओजी व नागौर पुलिस की टीम के साथ चूरू व हरियाणा इलाके में ही थे। आनंदपाल को इन्होंने गोली मारी और खुद के गोली लगने के बाद भी एसका मुकाबला किया।
Published on:
26 Jun 2017 11:19 am
बड़ी खबरें
View Allनई दिल्ली
दिल्ली न्यूज़
ट्रेंडिंग
