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फर्स्ट अटेम्प्ट में UPSC क्लियर कर 22 साल की मोनिका बनी IAS अफसर, मेहनत, लगन और जज्बे के दम पर छुआ आसमान

International Women's Day 2025: मोनिका यादव इससे पूर्व मोनिका ने अपने प्रथम प्रयास में ही राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) परीक्षा में 93वीं वरीयता प्राप्त की थी तथा नेट, जेआरएफ तथा सीए में भी अव्वल रही है।

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सीकर

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Akshita Deora

Mar 08, 2025

Real Life Motivational Story Of IAS Officer Monika Yadav: आज महिलाओं ने हर क्षेत्रों में अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपको बता रहे हैं एक ऐसी बेटी की कहानी जिसने कड़ी मेहनत से मुकाम हासिल कर परिवार व गांव के बेटियों के लिए प्रेरणास्त्रत्तेत बनी है। हम बात कर रहे हैं तहसील के लिसाड़िया गांव की डेरी वाली ढाणी निवासी मोनिका यादव की। मोनिका ने साढ़े 22 वर्ष की उम्र में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) वर्ष 2017 की परीक्षा में प्रथम प्रयास में 403वीं रैंक प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है।

बचपन से ही पढ़ने लिखने में बहुत रूचि रखने वाली मोनिका यादव इससे पूर्व मोनिका ने अपने प्रथम प्रयास में ही राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) परीक्षा में 93वीं वरीयता प्राप्त की थी तथा नेट, जेआरएफ तथा सीए में भी अव्वल रही है। मोनिका यादव को भारतीय रेल परिवहन प्रबंधन संस्थान लखनऊ में 78 सप्ताह के प्रशिक्षण के दौरान एकडेमिक में बेस्ट परफॉर्मेंस का अवार्ड मिला।

अपने माता-पिता के साथ मोनिका यादव

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मोनिका के पिता हरफूल सिंह यादव सीनियर आरएएस अधिकारी तथा माता सुनीता यादव गृहिणी हैं। तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी मोनिका का विवाह आईएएस सुशील यादव से हुआ है। आपको बता दें कि मोनिका का सामाजिक परंपराओं से काफी जुड़ाव रहा है आईएएस अफसर बनने के बाद भी अपने गांव की परंपराओं व सादगी को दूर नहीं होने दिया। आज भी वे जब गांव आती हैं तो उसी पारंपरिक अंदाज में नजर आती हैं।

सपना देखें और उसे पूरा करने की कोशिश करें: मोनिका

आईएएस मोनिका यादव ने युवा शक्ति को संदेश दिया कि अच्छे से मेहनत करें, पोजिटिविटी मेनटेन करें और अपने दिमाग को खुला रखें। नए विचारों को आने दें। बहुत ज्यादा रिजिड हम हो जाते हैं तो चीजें बहुत ज्यादा कठिन लगने लगती हैं। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सिर्फ एक दिन ही सीमित ना हो, हर दिन होना चाहिए। लड़कियों और महिलाओं के प्रति आज भी कई जगह हमारे समाज का व्यवहार नहीं बदला है। मातृ शक्ति से ये ही कहूंगी कि सबसे पहले आप शिक्षा अर्जित कर खुद को समृद्ध और सशक्त बनाए, क्योंकि पढ़ाई के अलावा और कोई विकल्प नहीं है जो हमें जागरूक और सशक्त करे। सपना देखें और उसे पूरा करने की कोशिश करे। आदर्श बने ताकि लोग आपका अनुसरण कर सकें।

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