
Rajasthan News : नए जमाने की पढ़ाई का पैटर्न भी राजस्थान बोर्ड की थोड़ी चुनौती बढ़ा रहा है। दरअसल, पांचवी बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले सैकड़ों विद्यार्थी आठवीं बोर्ड परीक्षा तक पहुंचते-पहुंचते गायब हो रहे हैं। सीबीएसई सहित अन्य बोर्ड के बढ़ते क्रेज की वजह से यह विद्यार्थी पांचवी के बाद अलग-अलग कक्षाओं में दूसरे बोर्ड की स्कूलों में दाखिला लेने जा रहे है। पिछले साल के मुकाबले प्रदेशभर में 35 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने बोर्ड बदल लिया है। अकेले सीकर जिले की बात करें तो करीब एक हजार विद्यार्थियों ने राजस्थान बोर्ड छोड़कर सीबीएसई सहित अन्य बोर्ड के स्कूलों में दाखिला लिया है। एक्सपर्ट का कहना है कि सिलेबस में ज्यादा अंतर नहीं होने की वजह से आगामी सालों इस बदलाव पर ब्रेक लगने के पूरे आसार है।
पड़ताल: अब तक पांच लाख बच्चे गायब
अब तक राजस्थान के सरकारी एवं निजी स्कूलों से पांच लाख बच्चे गायब हैं। शिक्षा विभाग इनकी तलाश में जुटा है लेकिन इनका डेटा ट्रेस नहीं हो पा रहा है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से बनाए गए यू डायस पोर्टल पर नजर डालते हैं, तो पांच लाख से अधिक विद्यार्थियों की जानकारी नहीं मिल पा रही है कि ये बच्चे कहां चले गए हैं। स्कूल प्रबंधन ने भी इस बारे में जानकारी से इनकार कर दिया है। फिलहाल शिक्षा विभाग के अधिकारी इन बच्चों की तलाश कर रहे हैं। विभाग के सामने यह संकट खड़ा हो गया है कि इन बच्चों को कहां से तलाश कर वापस लाए और नए सिरे से इनका नामांकन कराए।
क्या है यू डायस पोर्टल
केन्द्र सरकार ने स्कूली विद्यार्थियों की संख्या अपडेट करने के लिए यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजूकेशन (यू डायस) पार्टेल बना रखा है। इसमें कक्षा एक से 12 तक के विद्यार्थियों का डाटा अपडेट रहता है। इसी के माध्यम से सरकारी स्कूलों में केंद्र सरकार की योजनाएं विद्यार्थियों तक पहुंचाई जाती हैं। स्कूलों के प्लान इसी पोर्टल के आधार पर बनाए जाते हैं।
ड्रॉप बॉक्स से पता चला बच्चे नहीं है
हाल ही पोर्टल को देखा गया, तो प्रदेश के 18,63,293 विद्यार्थी यू डायस के ड्रॉप बॉक्स में थे। जब इस बारे में जानकारी जुटाई गई, तो यह सामने आया कि 9 लाख 67 हजार 918 विद्यार्थी अपने स्कूलों से टीसी लेकर अन्य स्कूलों में चले गए हैं। जबकि पांच लाख 7 हजार 168 विद्यार्थियों का मालूम नहीं चल रहा है कि ये बच्चे किस स्कूल अथवा किस प्रदेश में अध्ययनरत हैं।
एक्सपर्ट व्यू: क्रेज है…
सभी बोर्ड का अपना-अपना अलग क्रेज है। भविष्य में सभी बोर्ड के पाठ्यक्रमों में एकरूतपा आने के बाद यह पैटर्न थोड़ कम होगा। हर साल सभी जिलों से औसतन 800 से 1200 विद्यार्थी बोर्ड बदल रहे हैं। प्रदेश की बात करें तो इस साल करीब राजस्थान बोर्ड के 35 हजार से अधिक छात्रों ने बोर्ड बदला है।
वेदप्रकाश बेनीवाल, विशेषज्ञ
फैक्ट फाइल
बिना टीसी लेकर स्कूल छोड़ा: 1 लाख 53 हजार
ड्रॉप आऊट की आस: 1 लाख 30 हजार 187
हर साल बोर्ड बदल रहे: 35 हजार से अधिक
स्कूल बंद होने की वजह से वंचित: 7 हजार 135
Published on:
04 Jul 2024 02:57 pm
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