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Sikar News: शिक्षानगरी व जिले की अब प्रदेश की राजधानी को जाने की राहें और आसान होगी। सालासर व खाटूश्यामजी की वजह से आगरा-बीकानेर हाइवे पर लगातार बढ़ते यातायात को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पिछले साल पांच नए ओवरब्रिज की सौागत दी थी। इनमें से एक ओवरब्रिज तो शुरू भी हो गया है। वहीं इस साल के आखिर तक सभी ओवरब्रिज शुरू होने की संभावना है। इससे सीकर, चूरू, झुुंझुनूं, बीकानेर, हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर सहित अन्य जिलों को फायदा मिलेगा। एक्सपर्ट का दावा है किन इन पांचों ओवरब्रिज के शुरू होने पर यात्रियों का 20-30 मिनट का सफर कम होगा। वहीं रींगस में रिंग रोड बनने से श्याम भक्तों को काफी राहत मिल सकेगी। पिछले कई सालों से जयपुर-बीकानेर हाइवे पर पांच स्थानों पर पुलिया की मांग उठ रही थी। इस साल काम पूरा होने से लोगों को राहत मिल सकेगी।
खाटूश्यामजी में रिंग रोड के लिए भी जल्द डीपीआर बनने की उम्मीद है। पिछले दो साल में कई बार खाटूश्यामजी के रिंग रोड प्रोजेक्ट की घोषणा हो चुकी है। अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस संबंध में पत्र जारी किया है। खाटूश्यामजी में रिंग रोड बनने से श्याम भक्तों के साथ स्थानीय गांव-ढाणियों के साथ खाटू कस्बे के लोगों को भी राहत मिल सकेगी।
पलसाना के मंढा मोड पर पिछले कई सालों से जाम की समस्या बढ़ रही है। यहां पुलिया नहीं होने की वजह से कई बार हादसे भी हो चुके हैं। मंढा मोड से खाटूश्यामजी आने-जाने वाले भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां अब पुलिया बनने से सालासर व खाटूश्यामजी के भक्तों को जाम में नहीं जूझना पड़ेगा।
सीकर-बीकानेर हाइवे पर पलसाना से लेकर चौमूं आदि स्थानों पर पुलिया का कार्य जारी रहने से आए दिन जाम के हालात बने रहते है। इस कारण कई बार तो यात्रियों को करीब 20 से 40 मिनट तक जाम में फंसना पड़ता है। हालांकि कई स्थानों पर डायर्वजन के बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है।
खाटूश्यामजी व सालासर की वजह से जयपुर-बीकानेर हाइवे पर लगातार यातायात का दवाब बढ़ रहा है। कई स्थानों पर इस मार्ग पर यात्रा करने वालों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा था। अब इन पॉइंट पर पुलिया बनने से जयपुर जाने-आने की राहें आसान हो सकेगी। अब सरकार को सालासर व खाटू को सीधे जोड़ने के लिए अलग से हाइवे प्रस्तावित करना चाहिए। वहीं अजमेर रोड से खाटूश्यामजी को जोड़ने के लिए नए मार्ग की डीपीआर को भी मंजूरी मिलने से राहत मिल सकती है।
इंजी. दीपक पारीक, सिविल इंजीनियरिंग मामलों के जानकार
Updated on:
22 Aug 2025 03:54 pm
Published on:
22 Aug 2025 03:52 pm
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