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सीकर जिले में लगेंगे फलों के 85 हेक्टैयर में बगीचे

पारम्परिक खेती के साथ उद्यानिकी फसलों की खेती के जरिए किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। किसानों के रुझान को देखते हुए उद्यान विभाग की ओर से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इस वर्ष में फलदार बगीचों के लक्ष्य और अनुदान को बढ़ाया है।

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सीकर जिले में लगेंगे  फलों के 85 हेक्टैयर में बगीचे

सीकर जिले में लगेंगे फलों के 85 हेक्टैयर में बगीचे

पारम्परिक खेती के साथ उद्यानिकी फसलों की खेती के जरिए किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। किसानों के रुझान को देखते हुए उद्यान विभाग की ओर से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इस वर्ष में फलदार बगीचों के लक्ष्य और अनुदान को बढ़ाया है। जिसके तहत सीकर जिले में 85 हेक्टेयर में लगाए जाएंगे। अच्छी बात है कि किसान अपने खेत की मिट्टी पानी की जांच करवा कर फलों के बगीचे लगा सकेंगे।
नए बगीचों पर बढ़ाया अनुदान
उद्यान विभाग के अनुसार इस वर्ष जो किसान बगीचे लगाएंगे। उनको सरकार की ओर से अनुदान भी बढ़ाया गया है। जबकि बगीचा स्थापना के लिए पूर्व में 50 प्रतिशत ही अनुदान दिया जाता था। जो इस वर्ष से 75 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके लिए किसानों को ई-मित्र या उद्यान विभाग में बगीचे की स्थापना और अनुदान संबंधी पत्रावली दे सकेंगे।

60 हेक्टैयर ज्यादा क्षेत्र
बगीचे लगाने के लिए ड्रिप संयंत्र स्थापना के बिना अनुदान नहीं दिया जा सकेगा। प्रति किसान को न्यूनतम 0.4 हैक्टेयर और अधिकतम 4 हैक्टेयर तक बगीचे लगाने पर अनुदान मिलेगा। इसमें बिना ड्रिप के इकाई लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 30 हजार रुपए दिया जाता है। प्रथम वर्ष में कुल अनुदान का 60 प्रतिशत, दूसरे वर्ष में 75 प्रतिशत और तीसरे वर्ष में 90 और पौधे जीवित रहने पर 20 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसी प्रकार ड्रिप होने पर 40 प्रतिशत या 40 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर के आधार अनुदान दिया जाता है।

इनका कहना है
सरकार ने फलों के बगीचे लगाने के लिए 85 हेक्टैयर का लक्ष्य दिया है। लक्ष्य और अनुदान बढ़ाने से किसानों को फायदा होगा। किसान अपनी आय बढ़ा सकेंगे।
हरदेव सिंह बाजिया, उपनिदेशक उद्यान