
Petrol Pump Scam (Source: Patrika)
राजस्थान के सीकर जिला कारागृह के कैदी अब पेट्रोल व डीजल बेचकर अपना परिवार पालेंगे। इसके लिए शिवसिंहपुरा स्थित जेल के बाहर पेट्रोल पंप खुलेगा। 24 घंटे खुले रहने वाले पंप में कर्मचारियों को तीन शिफ्ट में रोजगार मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में बन रहे इस पेट्रोल पंप के लिए जेल विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। दो महीने में पेट्रोल पंप शुरू होने की संभावना है। इधर इस बीच पेट्रोल पंप की जगह को लेकर विवाद भी गहरा गया है। जेल के सामने स्थित ग्रामीण शिक्षण संस्थान व मनसुख रणवां मनु स्मृति संस्थान ने पंप की जगह को लेकर आपत्ति जताते हुए उसे बदलने की मांग की है।
आईओसीएल के पेट्रोल पंप का संचालन अच्छे आचरण वाले ओपन जेल के बंदी करेंगे। वर्तमान में सीकर के कारागृह में 37 बंदी हैं। इन्हें तीन पारियों में काम करने के लिए रोटेशन से नियुक्त किया जाएगा। काम के बदले प्रति बंदी को करीब 450 रुपए वेतन मिलेगा। सुरक्षा के लिए यहां हर समय सिपाही तैनात होंगे। पंप पर कोई भी वाहन चालक पेट्रोल-डीजल ले सकेगा।
पेट्रोल पंप की जगह पर मनसुख रणवां संस्थान की ओर से करीब तीन साल पहले पौधे लगाए गए थे। ये पौधे अब पेड़ का रूप लेकर फल देने लगे हैं। पेट्रोल पंप बनाने के लिए उनमें से 25 से ज्यादा पेड़ हटाने पड़ेंगे। इसका संस्थान ने विरोध किया है। अध्यक्ष दुर्गा रणवां ने बताया कि पंप कारागृह के मुख्य गेट के पास बनाएं तो इससे पेड़ों को बचाया जा सकता है। उनका कहना है कि दूसरी जगह शिफ्ट करेंगे तो भी ये पेड़ बचेंगे नहीं।
पेट्रोल पंप के लिए चिन्हित जगह के सामने ही ग्रामीण महिला शिक्षण संस्थान है, जो बच्चियों की सुरक्षा के लिहाज से पंप हस्तांतरण की मांग कर रही है। समिति अध्यक्ष झाबरमल ने बताया कि संस्थान में करीब 2800 बालिका पढ़ती है। स्कूल के सामने भादवासी रोड के कट से बहुत सी स्कूल बसें बच्चों का लाती-ले जाती है। ऐसे में पेट्रोल पंप से दुर्घटना की आशंका बढ़ेगी। बच्चियों की सुरक्षा के लिहाज से भी बंदियों का पंप संस्था के सामने उचित नहीं है। मामले में कलक्टर को भी ज्ञापन दिया गया है।
सुुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जेल विभाग आइओसीएल के साथ मिलकर बंदियों के रोजगार के लिए पेट्रोल पंप का संचालन करेगा। इससे ओपन जेल के बंदी परिवार पालन योग्य बनते हुए समाज की मुख्य धारा से जुड़ेंगे। हालांकि पेट्रोल पंप के लिए जगह मेरे आने से पहले ही तय हो गई थी। अब पेड़ काटे नहीं जाएंगे, बल्कि उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। उच्च अधिकारियों ने आइओसीएल कंपनी से भी एक पेड़ काटने के बदले दो पेड़ लगाने की शर्त रख दी है।
रामकिशन मीणा, जेल अधीक्षक, जिला कारागृह, सीकर
यह वीडियो भी देखें
बंदियों के रोजगार के लिए पंप खुलना अच्छी बात है, लेकिन इस नवाचार के लिए पेड़ों के साथ दुराचार ठीक नहीं। पेड़ों के आकार व मौसम के मुताबिक शिफ्ट करने पर भी वे बच नहीं सकेंगे। जेल प्रशासन को कारागृह के दरवाजे के पास पंप बनाकर पेड़ों को बचाना चाहिए। मिंजर आए हुए आम के पेड़ों को नष्ट करना मानवीय व पर्यावरणीय दोनों तरीके से गलत है।
दुर्गादेवी रणवां, अध्यक्ष, मनसुख रणवां मनु स्मृति संस्थान, सीकर
Published on:
25 Mar 2025 04:41 pm
बड़ी खबरें
View Allसीकर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
