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राजस्थान के कई जिले में बाढ़ तो कई जिले अभी भी सूखे, शेखावाटी में बांध तो दूर जोहड़े भी रह गए खाली, बारिश के अभाव में फसल तबाह…

राजस्थान के कई जिलों में बाढ़ ने तबाही मचा कर रख दी। तो वहीं कई जिले सूखे की चपेट में है। शेखावाटी में बारिश के अभाव के चलते फसल तबाह हो चुकी है।

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पलसाना.

प्रदेश के कई जिलों में जहां इन्द्र देव ने इस कदर महरवानी दिखाई कि कई जगहों पर बाढ़ के हालात पैदा हो गए। वहीं सीकर जिला आधा मानसून सीजन गुजर जाने के बाद भी एक अदब अच्छी बरसात की बाट जो रहा है।
हालांकि प्री मानसून की बरसात हो जाने से जिले के अधिकांश क्षेत्रों में खरीफ की फसलों की बीजाई कर दी गई थी। इसके बाद समय समय पर हल्की ही सही पर बरसात होती रही है। जिससे कुछ दलहनी फसलों को छोड़ दें तो बाकी फसले ठीक ठाक है और लोगों को अच्छे उत्पादन की उम्मीद भी है। लेकिन जिले के सभी बड़े बांधों और तालाबों के पैंदे अभी भी सुखे ही पड़े है। ऐसे में लगातार जल स्तर गिरने से कम बरसात होना चिंता का विषय है।्र जिलेभर में पिछले कई वर्षों से हो रही सामान्य और कम बरसात के कारण लगातार जल स्तर गिर रहा है। वहीं फ्लोराइड की बढ़ती मात्रा से जिले के कई इलाकों में पेयजल की समस्या भी पैदा होने लगी है। ऐसे में अच्छी बरसात की बांट जो रहे जिले वासियों को अभी तक मानसून ने मायूस ही किया और पिपराली इलाके के हरिपुरा व फिरासवाला बांध सहित जिले के सभी छोटे बड़े बांधों के पैंदे अभी भी सुखे ही पड़े है। अधिकतर ग्रामीण इलाकों के हालत तो यह है कि गांवों के जोहड़ और तालाबों के पैंदे भी अभी ढके नही है। ऐसे में लोगों को अभी मानसून की अच्छी बरसात की उम्मीद लगाए बैठे हैं। ताकि जल स्तर सुधरे नही तो जो है वह तो बरकरार रहे।

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फड़का रोग से फसल तबाह, किसान ने चलाया टै्रक्टर

लक्ष्मणगढ़.

अच्छी बारिश के अभाव में उपखंड में विभिन्न गांवा में चंवला व मोठ की फसलों को फड़का रोग लग गया हैं। रोग के कारण काफी बड़ी तादाद में फसले खराब होने से किसानों को भारी आॢथक नुकसान उठाना पड़ रहा हैं। हालात यह है कि किसानों ने अपनी खेती पर ट्रैक्टर चलाने शुरू कर दिये हैं। इलाके के नरोदड़ा, बलांरा, जाजोद, मंगलूणा, भूमा बड़ा, बादूसर, सनवाली सहित अन्य गांवों में तो लगभग पूरी फसल ही उक्त रोग के कारण तबाह हो चुकी हैं। नरोदड़ा के किसान सुभाष ने बताया कि बैंकों की ओर से केसीसी के अंर्तगत फसल बीमा की सुविधा तो प्रधान की जाती हैं, परन्तु बैंक अधिकारियों की ओर से इसकी जानकारी किसानों को उपलब्ध नहीं करवायी जाती हैं। जानकारी के अभाव में किसान आर्थिक तंगी से बेहाल हो रहे हैं। किसानों ने जिला कलेक्टर को पत्र भेजकर सरकारी मदद की मांग की हैं।