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Rajasthan Assembly Election: कौन समझाए… 700 फीट के दो की बजाय 1400 फीट का एक बोरिंग हो… पानी तो मिले

Rajasthan Assembly Election 2023 : फतेहपुर और लक्ष्मणगढ़ के बाद हम पहुंचे श्रीमाधोपुर के जालपाली मोड़ पर। चाय की चुस्कियों के दौरान कुछ स्थानीय लोगों से यहां की समस्याओं पर बात हुई तो दुकानदार ने इशारा करते हुए चौराहे की तरफ अंगुली उठाई। समझ गया कि इशारा संकरी रोड पर आती-जाती गाडिय़ों की तरफ है।

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सीकर

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arun Kumar

Jun 26, 2023

ground report

अरुण कुमार
Rajasthan Assembly Election 2023 : फतेहपुर और लक्ष्मणगढ़ के बाद हम पहुंचे श्रीमाधोपुर के जालपाली मोड़ पर। चाय की चुस्कियों के दौरान कुछ स्थानीय लोगों से यहां की समस्याओं पर बात हुई तो दुकानदार ने इशारा करते हुए चौराहे की तरफ अंगुली उठाई। समझ गया कि इशारा संकरी रोड पर आती-जाती गाडिय़ों की तरफ है। तभी, वहीं पर चाय पी रहे रामनाथ राठौड़ बोले, रींगस जाने वाली इस रोड पर हर दिन डेढ़ लाख वाहन गुजरते हैं। श्रीमाधोपुर से रींगस तक संकरी रोड और दोनों तरफ के वाहनों से हर दिन हादसे होते हैं। सैकड़ों बार रोड को फोर लेन करने की मांग हुई, मगर न कांग्रेस जागी न भाजपा। तभी, बाजू में खड़े रामवीर बोल, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, यूपी और बिहार से हजारों लोख खाटू के दर्शन को यहीं से गुजरते हैं, मगर रोड पर कहीं भी महिलाओं के लिए प्रसाधन नहीं है। पानी की निकासी न होने से आस-पास के गांवों का पानी सडक़ पर बहता है। जब वाहन गुजरते हैं तो दुकानों पर बैठे लोगों तक छींटे जाती हैं।

जालपाली मोड़ से हम 15 मिनट में श्रीमाधोपुर पहुंचे। बारिश से बचने के लिए एक होटल के बाहर खड़े कुछ लोगों के बीच हम भी पहुंच गए। वहां कुछ शहरी तो कुछ गांव के लोग थे। हमने पूछा कि यहां कितने फीट ट्यूबवेल बोरिंग होती है। तभी कोई बोला सरकारी या निजी! मतलब... तभी किराना दुकानदार खेमाराम बोले, सरकारी 700 फीट और निजी 1400 फीट पर। सरकारी में बूंद भी पानी नहीं निकलता और निजी में नौ लाख रुपए कौन खर्च करे? पानी न निकलने पर अधिकारी बोरिंग के पाइप निकालकर बेच लेते हैं। तभी एक अन्य बोले, सरकार भी गलत है। 700 फीट की दो बोरिंग की बजाय सरकार 1400 फीट पर एक बोरिंग करा दे तो कम से कम पानी तो मिलेगा। मगर... कौन समझाए!

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बारिश थमते ही बाजार में स्थानीय लोगों से बात की तो बोले, कुंभाराम जल परियोजना से बड़ी उम्मीद है। मगर सुनते हैं अभी डीपीआर तक नहीं बनी है। नई सरकार आने पर पता नहीं परियोजना कहां जाएगीï? अन्य सरकारी योजनाओं पर जब बात की तो बाजार में खरीदारी करने आए रामेश्वर गुप्ता बोले, सरकार की योजनाएं तो सभी के भले के लिए हैं मगर अधिकारियों की लापरवाही से पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। बुजुर्ग पेंशन, चिरंजीवी बीमा और फ्र ी बिजली जैसी योजनाएं राहतकारी हैं।

श्रीमाधोपुर से 45 किलोमीटर चलकर हम पहुंचते हैं खेतड़ी मोड़। नीमकाथाना जिला बनने से यहां के लोग काफी खुश दिखे। जिला बनाने का संघर्ष 1952 से चल रहा है। करीब 70 साल बाद यहां के लोगों को सफलता मिली है। एक कोल्ड ड्रिंक की दुकान पर खड़े लोगों के बीच हम भी पहुंच गए। पूछा कि जिला बनने से आप लोगों को सबसे बड़ा फायदा क्या होगा? तभी दो लोग एक साथ बोले, भाई साहब... जरा से काम के लिए सीकर के चक्कर लगाने से तो बचेंगे। वहीं, पानी और सडक़ को लेकर भी लोग नाखुश दिखे। कुंभाराम जल परियोजना से उम्मीदों व फ्री बिजली योजना को लेकर लोग कुछ संतुष्ट दिखे।

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