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राजस्थान चुनाव: जब टिकट मिलने पर विरोधी दल के नेता के घर जाकर रोए उम्मीदवार

राजनीति में आज भले ही निम्न स्तरीय निजी हमलों का बोलबाला हैे, लेकिन कभी दल अलग होने पर भी नेताओं के दिल मिले हुए थे। इसी से जुड़ा 1977 के विधानसभा चुनाव का एक रोचक किस्सा है।

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सीकर

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Santosh Trivedi

Nov 04, 2023

CG Election 2023: हर विधानसभा क्षेत्र में भितरघात का आलम, बागी से ज्यादा असंतुष्ट कर सकते हैं परेशान

CG Election 2023: हर विधानसभा क्षेत्र में भितरघात का आलम, बागी से ज्यादा असंतुष्ट कर सकते हैं परेशान

राजनीति में आज भले ही निम्न स्तरीय निजी हमलों का बोलबाला हैे, लेकिन कभी दल अलग होने पर भी नेताओं के दिल मिले हुए थे। इसी से जुड़ा 1977 के विधानसभा चुनाव का एक रोचक किस्सा है। वरिष्ठ अधिवक्ता मदनलाल सोनी उस समय जनता पार्टी से टिकट के दावेदार थे। वहीं, उनके मित्र सूरजमल जोशी कांग्रेस के जिला महामंत्री थे।

टिकट तय होने पर मदनलाल सोनी अपनी गाड़ी खुद चलाते हुए अकेले ही रात को सूरजमल जोशी के मोरी का बास स्थित आवास पर गए। दरवाजा खटखटाते हुए आवाज लगाने पर जोशी बाहर आए तो वे उनसे गले लगकर रोने लगे। चूंकि सूरजमल को उनके जनता पार्टी से उम्मीदवार बनाए जाने की जानकारी नहीं थी तो उनकी भावुकता को उन्होंने टिकट नहीं मिलने का दर्द समझा।

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जिस पर सांत्वना का मरहम लगाते हुए उन्होंने कहा कि टिकट नहीं मिला तो कोई बात नहीं, अगली बार फिर कोशिश करना। तब मदनलाल सोनी ने सुबकते हुए ही कहा कि ये बात नहीं है। टिकट मिल गया है और ये खुशी के आंसू हैं। ये सुन सूरजमल भी भावुक हो गए और दोनों काफी देर तक गले लगकर आंसू बहाते रहे। जोशी की जीवनी पर लिखी उनके पुत्र राजीव जोशी ने भी पुस्तक में भी दलगत भेद से परे दोस्ती की इस अनूठी घटना का जिक्र किया है।

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